जहां तक पशुपालन विभाग का सवाल है, तो जिला मोगा में गाय, भैंस, बकरी, सूअर व पक्षियों की अच्छी खासी तादाद है। व सरकार द्वारा जनसंख्या के आधार पर पशुओं के अस्पताल व डिस्पेंसरी निश्चित किए गए हैं। सरकारी नियमों के अनुसार 4000 की जनसंख्या के पीछे एक पशु अस्पताल जबकि 3000 की जनसंख्या के पीछे एक डिस्पेंसरी होने का प्रावधान है। फिलहाल मोगा में 54 सरकारी पशु अस्पताल व 92 सरकारी पशु डिस्पेंसरियां हैं। लेकिन अगर हम बात पॉलीक्लिनिक की करें, तो एक पॉलीक्लिनिक में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर, अन्य एक्सपर्ट जैसे सर्जन, गायनी एक्सपर्ट, पैथोलॉजिस्ट मौजूद रहते हैं। जिला मोगा में की इकलौती पॉलीक्लिनिक जिले के गांव गिल में मौजूद है। जो कि हमारे हिसाब से जिले में पशुधन की संख्या व जिले के फैलाव को देखते हुए बहुत कम है। क्यूंकि जिला मोगा में कुल चार तहसील हैं। जिसके हिसाब से तहसील स्तर पर एक पॉलीक्लिनिक का होना आवश्यक है। ताकि पशुपालकों को अपने पशुओं की बीमारी के समय अधिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े व वे समय रहते अपने पशुओं का इलाज करवा सकें। फिलहाल डॉक्टर हरवीन कौर धालीवाल बतौर डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग जिला मोगा का कार्यभार संभाले हुए हैं। जिले में विभिन्न पशुओं, पक्षियों सहित सरकारी पशु हॉस्पिटल व डिस्पेंसरी की संख्या कितनी है, नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से भी आप इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं
अगर आप फिर भी इसके इलावा कोई और जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर इसकी जानकारी ले सकते हैं : Reference:- http://www.husbandrypunjab.org/moga.html