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  • December 22, 2024
  • Last Update December 22, 2024 7:42 pm
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NESTLE, A BOON FOR MOGA DISTRICT

District Moga is privileged to have the International company M/S NESTLE INDIA LIMITED which is situated on the Ferozepur road, opposite DC complex , is a big landmark for the district. The establishment of NESTLE INDIA LIMITED has brought Moga district in the world map. 

Whereas NESTLE INDIA LIMITED is concerned, it is a Public Limited Company incorporated under the Companies Act 1956, inter alia engaged in the manufacture and marketing of various food products in India for past over 6 decades. We strive to comply to all the applicable laws, rules and regulations in India. NESTLE India has 9 factories spread across the country, including its first factory in the state of Punjab at Moga. Moga unit has access to and uses state-of-the art technology, standards, processes and practices to manufacture highest quality of food products in all its manufacturing facilities including optimum utilization of energy, water resources, effluent treatment and recycling of discharge. 

NESTLE has been an environmentally friendly unit undertaking ambitious operational projects to preserve resources. To this effect we are pioneering projects from an Environmental, Sustainability standpoint in the factory along with awareness sessions with farmers on practices like Biogas, vermicomposting, Hay & Silage making. While ending deforestation is critical, NESTLE has plans to go further to address climate change and prevent biodiversity loss. We also under the Corporate Social Responsibility vector has provided sanitation and clean drinking water facilities in more than 200 government schools in Punjab. Also, NESTLE, Moga factory has been instrumental in covering more than 20,000 students under “Healthy Kids Program” & the “Employee Volunteer program”. 

Globally NESTLE aims to become net zero by 2050 and in line with this. NESTLE INDIA is committed to improving its environmental footprint. Through our constant efforts, during the last 15 years, for every ton of production, we have reduced the usage of energy by around 46%, reduced water usage by around 52%, reduced the generation of greenhouse gases by around 57% and the generation of wastewater by around 54%. 

As a global leader in dairy products and committed towards environmental sustainability, we are always open to adopt latest techniques and technology to improve our environment performance.

ADANI AGRI LOGISTICS LTD., MOGA BASE DEPOT

As grains play an essential role in nourishing the nation’s populace. So here this Moga base depot, run by Adani Group, has proper storage and transportation system for taking care of food grains. Adani Group, one of India’s fastest growing business houses has setup seven bases and field depots spread across the length and breadth of the country, coupled with specially designed top loading and bottom discharge rail wagons. The sole objective of this project is to provide continuous comprehensive supply chain management solutions to FCI-Food Corporation of India. Meticulous planning and technology has been used to insure that the grains remain farm fresh throughout the entire storage and transportation process. Once kept in storage, these grains are transported to various field depot across the country, where there is a grain requirement. These field depots are fully mechanized for storing food grains. Fully integrated and IT enabled operations make sure that there are no lapses in quality and quantity of grains, and transparent transactions are carried out at all stages, With ample support from government and farmers.

गीता भवन मंदिर, गीता भवन स्कूल, वेदांत पार्क, वेदांत नगर, सहज कॉलोनी, न्यू गीता कॉलोनी : बड़े स्वामी जी के देन

गीता भवन मन्दिर व् आस पास के इलाकों में जो चहल पहल, आप देख रहे हैं, ये शुरुयात से ऐसा नहीं था. ये समस्त इलाका वीरान हुआ करता था। रिहायश करना तो दूर की बात, लोग सुबह शाम आने से भी कतराते थे। लेकिन जब 27 मई, 1964 को गीता भवन के लिए भूमि की व्यवस्था हुई और स्वामी वेदान्तानन्द जी ने गीता भवन मंदिर को अपनी तपोस्थली बना लिया, तो देखते ही देखते ये इलाका बसने लगा। 

आपको यहाँ बतादें कि 12 जुलाई 1923 को गीता भवन मोगा, पावन धाम हरिद्वार व् गीता भवन स्कूल मोगा के संस्थापक परम पूज्य स्वामी वेदान्तानन्द जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के निरपुड़ा गांव के एक जैन परिवार में हुआ था। 21 वर्ष की आयु में स्वामी जी ने संत मुनि श्री रघुवर दयाल जी महाराज से दीक्षा लेकर अपने संत जीवन के दौरान उन्होंने अपना काफी समय पंजाब के मोगा, लुधियाना और पटियाला में बिताया। इसी बीच स्वामी रामतीर्थ से प्रभावित होकर स्वामी वेदांतानन्द जी ने गंगा स्नान के उपरांत भगवा वस्त्र धारण कर लिए। और सनातन धर्म अपनाने के बाद ही स्वामी जी का स्वामी वेदांतानन्द जी के रूप में नया अवतार हुआ। शुरुआती दिनों में स्वामी जी ने कुछ समय श्री सनातन धर्म मंदिर प्रताप रोड में भी सत्संग एवं प्रवचन किया। 

लेकिन 27 मई, 1964 को गीता भवन के लिए भूमि की व्यवस्था होने के उपरान्त स्वामी वेदान्तानन्द जी ने गीता भवन मंदिर को अपनी तपोस्थली बना लिया।संगतों के सहयोग से 1966 में गीता भवन में सत्संग हॉल का और 1969 में शीश मंदिर का निर्माण हुआ।और जब वर्ष 1969 में मी वेदान्तानन्द जी ने अपने परम् शिष्य सहज प्रकाश को दीक्षा दी और सहज प्रकाश का नया जन्म स्वामी सहज प्रकाश के रूप में हुआ। तो स्वामी वेदांतानन्द जी को बड़े स्वामी जी भी कहा जाने लगा।जिसके पश्चात 19 अप्रैल 1970 में पावन धाम हरिद्वार का शिलान्यास पूज्य स्वामी जी ने अपने कर कमलों से किया। जिसके बाद पावन धाम में भी निर्माण कार्य चलता रहा और अप्रैल 1974 में पवन धाम का विधिवत उद्घाटन हुआ। लेकिन निर्माण कार्य उसके बाद जारी रहा जो कि आज भी जारी है। जिसके बाद जन्माष्टमी के पावन अवसर, 18 अगस्त 1995 को स्वामी वेदान्तानन्द जी ने को गीता भवन पब्लिक स्कूल का शुभ आरंभ किया। 

यहाँ जिक्रयोग्य है गीता भवन के पीछे का इलाका वेदांत नगर व सहज कॉलोनी, परम् पूज्य ब्रह्मलीन 1008 श्री श्री स्वामी दांतानंद जी व उनके परम् शिष्य स्वामी सहज प्रकाश जी के नाम पर ही है. इसके इलावा गीता भवन मंदिर के सामने का पार्क जिसका नाम कि पहले कश्मीरी पार्क था, उसका नाम भी बदलकर वेदांत पार्क रख दिया गया. नीसंदेह ये स्वामी वेदांतानन्द जी के आशीर्वाद ही है, जो आज गीता भवन मंदिर, गीता भवन स्कूल, पावन धाम हरिद्वार में इतनी चहल पहल है. हमें मोगा टुडे न्यूज़ की टीम को अटल विशवास है कि स्वामी जी मोगा वासियों पर अपने आशीर्वाद की वर्षा इसी प्रकार करते रहेंगे। 

डॉक्टर मथरा दास पाहवा की देन है डी.एन. मॉडल स्कूल

डी.एन. मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोगा की जो भव्य बिल्डिंग आज आप देखते हैं, यह शुरू से ऐसा नहीं था। 1960 के दशक में यह डी.एम. कॉलेज का हॉस्टल हुआ करता था। जिसके बाद देश के प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ व  परोपकारी डॉक्टर मथरा दास पाहवा, जिन्हें कि आधुनिक मोगा का निर्माता भी कहा जाता है, ने इस इमारत को एक स्कूल में परिवर्तित कर इसका नाम डी.एन मॉडल रखा। शुरुआती दौर में स्कूल के पास 40 से 50 विद्यार्थी थे। इसी दौरान 1972 में स्कूल को CBSE Board से मान्यता मिल गयी। उसके पश्चात जैसे-जैसे समय का पहिया आगे बढ़ा, वैसे-वैसे स्कूल ने भी शोहरत हासिल की और शहर का अग्रिम शिक्षा संस्थान बन गया। जिक्रयोग्य है कि आर्य प्रतिनिधि सभा जालंधर द्वारा मनोनीत मैनेजमेंट की तरफ से स्कूल संचालित होता है व फिलहाल उद्योगपति तुषार गोयल इसके प्रधान हैं। डी.एन. मॉडल स्कूल, डी.एम. कॉलेज और डी.एम. कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, इन सब की एक साँझा मैनेजमेंट है। आपके यहां बताना बनता है कि इस वक्त स्कूल की प्रत्येक क्लास खासकर 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं के 5-5 सैक्शन हैं, जिन्हें मिलकर फिलहाल स्कूल में 75 कक्षाएं हैं।आज विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ साथ उनके लिए अन्य अतिरिक्त गतिविधियों के चलते सीबीएसई बोर्ड के उत्तर भारत के स्कूलों में डी.एन. मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल का स्थान अग्रिम सूची में आता है। फिलहाल स्कूल में 2800 से अधिक विद्यार्थी अपना भविष्य संजो रहे हैं। व इन विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए स्कूल में 110 का टीचिंग स्टाफ, 10 क्लेरिकल कर्मचारीयों के इलावा 40 क्लास 4 कर्मचारी भी कार्यरत हैं। व इस वक्त सोनिया कलसी बतौर स्कूल की प्रिंसिपल अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं।

स्वामी वेदांतानंद जी की देन है गीता भवन पब्लिक स्कूल

गीता भवन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोगा की स्थापना वर्ष 1995 में गीता भवन मोगा व पावन धाम हरिद्वार के संस्थापक श्री श्री 1008 स्वामी वेदांतानंद जी महाराज द्वारा की गई थी। शुरुआत में स्कूल निम्न स्तर से शुरू हुआ था।  लेकिन आज इस स्कूल की जहाँ CBSE बोर्ड के साथ एफिलिएशन है, वहीँ स्कूल Playway से लेकर प्लस टू तक है। यहाँ मैडिकल, नॉन मैडिकल, कॉमर्स व आर्ट्स, सभी विषय पढ़ाए जाते हैं। अगर हम स्कूल की आधारभूत संरचना की बात करें, तो स्कूल में संगीत कक्ष, लाइब्रेरी के साथ साथ सभी विषयों की हाईटेक लैबोरेट्री भी स्थापित है। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास, डांस रूम सहित बच्चों की आने जाने के लिए वैन सुविधा भी उपलब्ध है। विद्यार्थियों को धर्म व संस्कृति से जोड़े रखने के लिए त्यौहार, खेल दिवस, सालाना दिवस, कला ऐंवम शिल्प के अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं। इसके साथ ही बच्चों में प्रतिस्पर्धा लाने के लिए चित्रकला (Drawing), संगीत (Music), स्टोरी राइटिंग सहित अन्य अनेक विषयों पर विभिन वर्गों के मुकाबले होते रहते हैं। इसके साथ ही स्कूल में इनडोर (Indoor) व बाहरी (Outdoor) खेलों पर भी खास ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही Extra Curricular Activities, जिनमें खेल और योग शामिल है, इस स्कूल की ख़ास विशेषता है। फिलहाल मैडम नीरू कथूरिया बतौर प्रिंसिपल चार्ज संभाले हुए हैं।  

माँ बगलामुखी यज्ञशाला

माँ बगलामुखी, पिंडी स्वरूप में विराजमान है माँ !! हिमाचल स्तिथ माँ बगलामुखी पिण्डी के आभूषण अर्पित किए गए हैं माँ बगलामुखी पिण्डी को

माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर, माँ बगलामुखी के असीम आशीर्वाद से मोगा के कोटकपूरा रोड, 3 नंबर चुंगी के पास स्तिथ इस मंदिर की स्थापना माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर के संस्थापक आचार्य नन्द लाल शर्मा द्वारा वर्ष 2021 में की गई थी। इस यज्ञशाला/ मंदिर की स्थापना के वक्त हिमाचल में स्तिथ माँ बगलामुखी दरबार से माँ बगलामुखी की पिण्डी के आभूषणों की पूजा अर्चना कर यहाँ माँ बगलामुखी के पिण्डी स्वरूप को अर्पित किए गए थे। इसके इलावा माँ बगलामुखी दरबार में बने हवन कुंड की अग्नि लाकर इस यज्ञशाला/ मंदिर के पवित्र कुंड में अग्नि स्थापित की गई थी। माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर में माँ बगलामुखी पिंडी स्वरूप में विराजमान है। माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर अपनी कुछ विशेषताओं के लिए प्रसिद्द है. माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर गोमूत्र व गोबर से निर्मित यज्ञशाला है। यहां 10 महाविद्या, महादेवियां भी विराजमान है। चारों वेदों के चारों स्तंभ यहां विराजमान हैं। माँ बगलामुखी यज्ञशाला/ मंदिर में हर वीरवार निशुल्क हवन यज्ञ किया जाता है। जिसके पश्चात संकीर्तन व भंडारा भी लगाया जाता है। इसके परिसर में सत्संग हाल भी स्थापित है जहाँ माँ भगवती की चौंकियों का आयोजन किया जाता है। मंदिर की और से प्रसाद स्वरूप यज्ञ की विभूति वितरण की जाती है। ऐसा प्रबल निश्चय है कि इस कलयुग में माँ बगलामुखी एक महान शक्ति है जो दुष्टों व कष्टों का नाश करती है। जिसके चलते यहाँ दूर दराज से श्रद्धालु आकर, यहां के पवित्र महायज्ञ में आहुतियां डालते हैं।

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