logo

हाईकोर्ट सख्त ! सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक ढांचों के निर्माण का मामला !!

हाईकोर्ट सख्त ! सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक ढांचों के निर्माण का मामला !!

मोगा 18 जुलाई, (मुनीश जिन्दल)

पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक ढांचों की भरमार है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के ध्यान में यह बात भली भांति है कि अनेक जिलों के डिप्टी कमीश्नर सार्वजनिक भूमि से इन अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने में असफल रहे हैं। जिसके चलते पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना मानते हुए हाल ही में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को अवमानना नोटिस जारी किए थे। जिसके बाद पंजाब व हरियाणा के डिप्टी कमिश्नरों ने हाईकोर्ट में वर्चुअली तौर पर पेश होकर बताया था कि इस संबंधी अनुपालना की कार्यवाई अमल में लाई जा रही है। व सभी जिलों से प्राप्त हल्फनामों को शीघ्र अदालत में दाखिल कर दिया जाएगा। यहां ये भी वर्णनयोग्य है कि इसी मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि 10-15 वर्षों से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ द्वारा दायर रिपोर्ट बताती हैं कि अनुपालन अभी तक अधूरा है।

यहां जिक्रयोग्य है कि हाईकोर्ट की ये कार्यवाई माननीय सुप्रीम कोर्ट के 29 सितंबर 2009 व 31 जनवरी 2018 के फैसलों से जुड़ी है। जिसमें शीर्ष अदालत ने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने व इन आदेशों की अवहेलना की स्तिथि में संबंधित हाईकोर्ट को अवमानना कार्यवाई का अधिकार दिया था। अपने इन्हीं अधिकारों का प्रयोग करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बीते  सप्ताह पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को सार्वजनिक भूमि से अवैध धार्मिक ढांचे ना हटाने को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना मानते हुए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के डिप्टी कमीश्नरों को अवमानना नोटिस जारी किए थे। जिसके बाद पंजाब व हरियाणा, दोनों राज्यों के डिप्टी कमिश्नरों ने हाईकोर्ट में वर्चुअली तौर पर पेश होकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को बताया था कि इस संबंधी अनुपालना की कार्यवाई अमल में लाई जा रही है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने हलांकि पंजाब व हरियाणा, दोनों राज्यों के लिए जारी अवमानना कार्यवाई को स्थगित भी कर दिया था। जबकि चंडीगढ़ की और से पेश वकील ने हाईकोर्ट को बताया था कि चार माह में चंडीगढ़ से बड़ी संख्या में सार्वजनिक भूमि से अवैध धार्मिक ढांचों को हटाया गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से पेश किए गए जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए पंजाब व हरियाणा सहित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को जिलेवार अनुपालना संबंधी अपने अपने हलफनामे एक सप्ताह के भीतर देने को कहा था। इस दौरान पंजाब और हरियाणा के वकीलों ने हाईकोर्ट को बताया था कि अनुपालन प्रक्रिया जारी है और सभी जिलों से प्राप्त हलफनामे दो तीन दिनों में दाखिल कर दिए जायेंगे। 

इस संबंधी ‘मोगा टुडे न्यूज़’ की और से डिप्टी कमीश्नर सागर सेतिया से ये जानने के लिए फोन लगाया गया कि उनकी और से फ़िलहाल हलफनामा दे दिया गया है या नहीं व जिला मोगा में सार्वजनिक भूमि पर कोई अवैध धार्मिक ढांचा है या नहीं। अगर है, तो जिला प्रशासन ऐसे अवैध धार्मिक ढांचे को हटाने की कार्यवाई को कब तक अमल में ला रहा है, लेकिन अपनी व्यस्तता के चलते वे फोन नहीं उठा पाए। 

खैर, हो सकता है कि पंजाब व हरियाणा के डिप्टी कमीश्नरों द्वारा इस संबंधी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को अपना हलफनामा दायर कर दिया गया हो, अन्यथा वो तो दायर कर ही दिया जायेगा। लेकिन देखना ये दिलचस्प रहेगा कि क्या वे डिप्टी कमिश्नर, जिनके जिलों से सार्वजनिक भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण हैं, को हटाने के बाद यह हलफनामा दायर करते हैं या फिर इसी स्थिति में, सार्वजनिक भूमि पर हुए अवैध धार्मिक ढांचों के रहते ही ये हलफनामे दायर कर दिए जाएंगे।

administrator

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!