
मोगा 07 अक्टूबर, (मुनीश जिन्दल)
तारीख 01 सितंबर, 2025, शहर की रेलवे रोड पर स्तिथ पुरानी दाना मंडी के गेट नंबर 2 की छत्त गिरी। तारीख़ 02 सितंबर, 2025, बाग गली की मेन बाजार की और लगते गेट की छत गिरी। पिछले दिनों में हुई मूसलाधार बारिश में शहर में अंग्रेजों के समय में बनी दो विरासत धराशायी होने की खबरें आपके संज्ञान में होंगी ही। और अब एक बार फिर नगर निगम के समय समय के तत्कालीन अधिकारियों व संबंधित विभाग की लापरवाही के चलते नगर निगम कार्यालय की एक महत्वपूर्ण 94 वर्ष पुरानी विरासत धराशायी होने के कगार पर पहुंच गई है। इस बिल्डिंग को हम महत्वपूर्ण इसलिए कह रहे हैं, क्यूंकि इस इमारत में नगर निगम कमीश्नर चारुमिता, संयुक्त कमीश्नर रमन कौशल, प्रॉपर्टी टैक्स शाखा व सैनिटेशन विभाग के कार्यालय मौजूद हैं। लेकिन पिछले दिनों हुई बरसात में इस इमारत के जगह जगह से रिसने के बाद संयुक्त कमीश्नर रमन कौशल व प्रॉपर्टी टैक्स शाखा इस खस्ता हालत इमारत से अपना बोरी बिस्तर गोल कर चुके हैं। जबकि निगम कमीश्नर व सेनिटेशन विभाग इस इमारत से जाने की तैयारी में है। इसलिए जनाब हमने इस खबर की ‘हैडिंग’ में आपको आगाह किया है कि अगर आप भी नगर निगम कार्यालय में अपने किसी काम से जा रहे हैं तो जरा “संभल कर जाना”।

संयुक्त कमीश्नर रमन कौशल का खाली पड़ा दफ्तर।

ताला लगा हुआ, हाउस टैक्स शाखा का कार्यालय।

आपको बता दें की इस बिल्डिंग का नींव पत्थर देश की आजादी से पहले 22 मार्च 1930 में उस समय के तत्कालीन फिरोजपुर डिवीजन के कमिश्नर ICS J.W. Hearn Esquire ने रखा था और यह बिल्डिंग लगभग 14 महीनों में बनकर तैयार हुई थी, जिसे 10 मई 1931 को, आज से लगभग 95 वर्ष पूर्व श्रीमती A. Mac Farquhar ने इस बिल्डिंग का उद्घाटन कर इसमें कुछ कार्यालय स्थापित करवाए थे।

बिल्डिंग में लगे पत्थर जो इसके नींव पत्थर रखने व तैयार होने के समय के गवाह हैं।
इस बिल्डिंग के निर्माण में ईंटों की डाट (Brick stopper) इस्तेमाल की गई थी। वर्ष 1931 से वर्ष 2025, इस अंतराल के दौरान नगर निगम की ओर से शहर की पहले ध्वस्त हो चुके रेलवे रोड पर स्तिथ पुरानी दाना मंडी के गेट नंबर 2 व बाग गली की मेन बाजार की और लगते गेट की छत की तर्ज पर इस बिल्डिंग पर भी लाखों रुपए खर्च कर जहां इस पर रंग रोगन करवाया गया, वहीं छत्त के नई स्लैब डालने के इलावा इमारत में लगी लक्कड़ का कीड़ों का ट्रीटमेंट और लकड़ी के नवीकरण का काम भी पूरा करवाया गया था। लेकिन शायद नगर निगम के उस समय के तत्कालीन संबंधित अधिकारी मंडी के गेट नंबर 2 व बाग गली के गेट की छत की तरह इस इमारत के लिए भी ये भूल गए कि अगर किसी चीज की नींव मजबूत होगी, तभी उसके ऊपर किया गया रंग रोगन या लकड़ी का काम टिक पाएगा। नगर निगम अधिकारियों की इस लापरवाही का परिणाम आपके सामने है।
बिल्डिंग की जर्जर हालत से पर्दा तब उठा, जब पिछले दिनों पड़ी मूसलाधार बारिश में ये इमारत अनेक जगहों से लीक करने लगी। जिसके बाद समझदारी दिखाते हुए नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर रमन कौशल व प्रॉपर्टी टैक्स शाखा ने समय रहते इस बिल्डिंग को अलविदा कह अपना बोरिया बिस्तर बांध लिया। फिलहाल संयुक्त कमीश्नर रमन कौशल ने जहां आरजी तौर पर अपना डेरा पहली मंजिल पर स्तिथ इंजीनियरिंग विभाग में जमाया है, वहीं प्रॉपर्टी टैक्स शाखा ने अपना कार्यालय नए बने कम्युनिटी सेंटर में शिफ्ट किया है व जानकारों के मुताबिक़ आगामी दिनों में नगर निगम कमिश्नर चारूमिता व सेनिटेशन विभाग भी इस विरासत को अलविदा कह, कम्युनिटी सेंटर की नई इमारत में जा सकते हैं।
शहर में ये चर्चा जोरों पर है कि नगर निगम इस इमारत को ध्वस्त कर यहां एक नई व आलीशान इमारत तैयार करने जा रहा है, जिसके चलते शहर के अनेक बुजुर्गों ने अंग्रेजों के समय की, शहर की आजादी से पूर्व बनी इस ऐतिहासिक इमारत को यथावत सुरक्षित रखने की मांग की है।
इस संबंध में जब नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस खस्ता हालत बिल्डिंग को रीकंडीशन करने के लिए इसे खाली करवाया जा रहा है। जिसके पश्चात शीघ्र इसका टेंडर लगाकर इसे तैयार करवाया जाएगा।
भले ही नगर निगम के अधिकारी इस विरासत को शीघ्र संभालने की बात कह रहे हैं, लेकिन अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या समय रहते नगर निगम अधिकारी इस विरासत को धराशाई होने से रोक पाएंगे ? या इन दिनों में होने वाली संभावित बारिश नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस विरासत पर भारी रहेगी।

