मोगा 10 नवंबर (ब्यूरो रिपोर्ट)
भारत और कनाडा के बीच तनाव, है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले जहाँ केनेडा सरकार की और से स्टूडेंट वीजा में बदलाव कर विद्यार्थियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी की गयी थी। वहीँ इस बार कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा में बड़े बदलाव किए हैं। पहले कनाडा सरकार लोगों को, जितनी उनके पासपोर्ट की अवधि शेष होती थी, उतना वीजा आवेदक को दे देती थी। इसमें अधिकतर लोगों को 10 साल का वीजा मिल जाता था। और इस 10 साल के वीजा के साथ विजिटर एक बार केनेडा जाकर वहां 6 महीने तक रह सकता था। लेकिन केनेडा सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब आवेदक को एक माह का वीजा ही दिया जायेगा। जिससे विजिटर केवल एक महीना ही कनाडा रह सकेगा। यानी कि उसे एक महीने बाद घर वापसी करनी होगी। चूंकि पंजाबी बड़ी संख्या में कनाडा का रुख करते हैं, इसलिए इसका सीधा प्रभाव पंजाबियों पर पड़ना संभावित है। और यकीनन पंजाबियों का कनाडा में स्थाई रूप से बसने का सपना अधूरा रह जाएगा।
जानिए क्या क्या पड़ेगा असर :
पहले आप एक बार वीजा अप्लाई करके 10 साल के लिए वीजा हासिल कर लेते थे। लेकिन अब आपको बार बार एम्बेसी फीस देनी होगी।
पहले आप जहाँ कनाडा में विजिटर वीजा पर जाकर 6 महीने रुक सकते थे, अब आपको एक महीना में ही कनाडा से लौटना होगा।
अब आपको बार बार केनेडा की टिकट का खर्र्च भी उठाना पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक कनाडा सरकार के इस फैसले से 5 लाख पंजाबियों के भविष्य पर असर पड़ेगा। पहले लोग 10 वर्ष के लिए कनाडा का वीजा लगवाकर रख लेते थे और कभी भी घूमने के लिए निकल जाते थे। लेकिन अब इस बदलाव से जहाँ भविष्य में उनके केनेडा बसने के सपने पर गहरी चोट तो लगेगी ही, वहीँ उनकी जेब पर भी इसका अच्छा ख़ासा असर पड़ेगा। आपको यहाँ ये भी बता दें कि इससे पहले जब केनेडा सरकार ने स्टडी वीजा के नियमों के बदलाव किये थे, जिसमें सरकार द्वारा जीआईसी फीस दोगुनी की गयी थी, उसमें फिलहाल वर्क परमिट वाले विद्यार्थियों को भी केनेडा में काम लेने के लिए अच्छी खासी मुशक़्क़त करनी पड़ रही है।