logo

Religious

मां बगलामुखी का 24 घंटे का अखण्ड महायज्ञ 1 फरवरी, प्रातः 9 बजे से : आचार्य शर्मा !!

मोगा 31 जनवरी (मुनीश जिन्दल) ACHARYA NAND LAL SHARMA कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यज्ञशाला मोगा में 24 घंटे का श्री बगलामुखी अखंड महायज्ञ शनिवार, 1 फरवरी को प्रातः 9 बजे प्रारम्भ हो रहा है। 24 घंटे चलने के बाद इस पवित्र हवन यज्ञ में पूर्णा आहुति, रविवार सुबह, बसंत पंचमी के पावन पर्व पर सुबह 9:00 बजे डाली जाएगी। ये जानकारी मां बगलामुखी यज्ञशाला मंदिर के संस्थापक आचार्य नन्द लाल शर्मा ने दी। आचार्य शर्मा ने कहा कि इस पवित्र महायज्ञ में आहुति डालने से श्रद्धालु के सभी मनोरथ, इच्छाएं पूरी होंगी। मां बगलामुखी, इस कलयुग की एक महान शक्ति है व मोगा में पहली बार इस प्रकार का 24 घंटे का मां बगलामुखी अखंड महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। उन्होंने मां बगलामुखी के सभी श्रद्धालुओं को अपने परिवार इस पवित्र यज्ञशाला में आने का खुला निमंत्रण दिया है।

श्री बगलामुखी अखंड महायज्ञ का कार्ड किया रिलीज !!

मोगा 24 जनवरी (मुनीश जिन्दल) कोटकपूरा रोड स्थित, मां बगलामुखी यज्ञशाला में होने जा रहे श्री बगलामुखी अखंड महायज्ञ का कार्ड समाजसेवी नवीन सिंगला ने रिलीज किया। कार्ड रिलीज करने के उपरान्त उन्होंने आचार्य नन्दलाल शर्मा की अध्यक्षता में मां बगलामुखी की पूजा की व हवन यज्ञ में आहुतियां डालकर मां का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर नवीन सिंगला इस बात पर ख़ुशी जाहिर की कि मोगा नगरी में पहली बार श्री बगलामुखी अखंड महायज्ञ का आयोजन हो रहा है।  आचार्य नन्दलाल शर्मा ने बताया कि इस पवित्र महायज्ञ में कोई भी श्रद्धालु आकर, निशुल्क आहुतियां डाल सकता है। यज्ञ के दौरान लंगर भंडारे की भी व्यवस्था मंदिर की ओर से की गई है। मां बगलामुखी, इस कलयुग में एक महान शक्ति है। मां बगलामुखी के यज्ञ के द्वारा, आप अपनी बाधाओं, संकटों और कष्टों का नाश कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यहां हर वीरवार, शाम 4:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक हवन यज्ञ निशुल्क किया जाता है। यह अखंड महायज्ञ मोगा नगर निवासियों के सहयोग से हो रहा है। मां बगलामुखी, इस पवित्र यज्ञशाला में पिंडी रूप में विराजमान हैं। मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या है। मां भगवती का पीला भवन व पीला दरबार निर्मित है। मां बगलामुखी का हवन यज्ञ कुंड का गोमूत्र व गोबर से लेपन किया गया है। चारों वेदों के चारों स्तंभ, मां बगलामुखी यज्ञशाला में विद्यमान हैं। पूर्ण शास्त्रीय पद्धति के अनुसार यज्ञशाला का निर्माण किया गया है। इस मौके पर मनोज जायसवाल, श्याम मांगा, नरेश बोहत, महेश बांसल, दीपक पुरी, इंद्रजीत राही, विजय बॉम्बे, अनिल कुमार, रूपचंद, सोनू धवन, मुल्ख राज, राजेश जिंदल, शिव टंडन, हरजिंदर ग्रेवाल, अमन मदान आदि उपस्थित थे।

मां बगलामुखी की उत्पत्ति, एक ख़ास कार्य के लिए हुई थी : आचार्य नन्द लाल !!

मोगा 17 जनवरी (अशोक मौर्या) : कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यज्ञशाला में हर वीरवार की तरह इस वीरवार भी हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मां बगलामुखी यज्ञशाला के प्रमुख सेवादार आचार्य नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस हवन यज्ञ के मौके पर  उन्होंने बताया कि मां बगलामुखी यज्ञशाला में हर वीरवार निशुल्क हवन यज्ञ किया जाता है। कोई भी श्रद्धालु मां भगवती के पवित्र महायज्ञ में आकर, आहुति डालकर मां बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। मां बगलामुखी यज्ञशाला में मां बगलामुखी पिंडी रूप में विराजमान हैं। इस पूरी सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का ग्रंथ, जब एक राक्षस ने चुरा लिया और पाताल में छिप गया। तब उसके वध के लिए मां बगलामुखी की उत्पत्ति हुई थी। मां ने बगुला का रूप धारण कर उस राक्षस का वध किया और ब्रह्मा को उनका ग्रंथ लौटाया। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मां का मंदिर बनाकर मां की पूजा अर्चना की थी। पहले रावण और उसके बाद लंका पर जीत के लिए श्रीराम ने शत्रुनाशिनी मां बगुला की पूजा की और विजय पाई। मां बगलामुखी को पीतांबरी भी कहा जाता है। इस कारण मां के वस्त्र, प्रसाद, मौली और आसन से लेकर हर कुछ पीला ही होता है। इस मौके पर महेश बंसल, दीपक पुरी, इंद्रजीत रही, मनोज जायसवाल, विजय बॉम्बे, संजय गर्ग, नरेश शर्मा, मुल्क राज, राजेश जिंदल, रूपचंद नगर, विजय मंगा आदि उपस्थित थे।

घरों के ऊपर क्यों लगाया जाता है लाल/ केसरी झंडा ?? जानिए इसका रहस्य ………….

मोगा 14 जनवरी (मुनीश जिन्दल) दोस्तों आपने अक्सर अपने मोहल्ले में व आस पास के इलाकों में अनेक घरों के ऊपर लाल/ केसरी झंडा लगा देखा होगा। लेकिन शायद उस झंडे को लगाने वाले अधिकतर लोगों को भी इसके पीछे के रहस्य का ज्ञान नहीं होगा। चलिए आज हम आपको इस बात से भी अवगत करवाते हैं। कि आखिरकार घर के ऊपर केसरी/ लाल रंग का झंडा लगाने के पीछे की सत्य कथा क्या है। साथियों, इसके लिए हमें त्रेता युग में जाना होगा। एक बार चंद्र देव, शनि देव का अपमान कर देते हैं। जिसके पश्चात जब चंद्र देव को शनि देव की कू दृष्टि से बचाने के लिए संसार में कहीं भी कोई आसरा नहीं दिखता, तो वे ‘संकट मोचन महाबली’ हनुमान जी की माता अंजना मां के पास जाकर उनसे अपनी सुरक्षा का वचन ले लेते हैं। हनुमान जी के लिए अपनी मां के शब्दों की बहुत अहमियत थी। जिसके उपरांत हनुमान जी, चंद्र देव को शनि लोक ले जाकर, चंद्र देव व शनि देव में संधि करवाने का प्रयास करते हैं। लेकिन क्रोधित शनिदेव, चंद्रमा पर अपनी कू दृष्टि डाल देते हैं। हनुमान जी के बार-बार समझाने पर भी जब शनि देव उनकी बात नहीं सुनते तो हनुमान जी व शनिदेव में युद्ध आरंभ हो जाता है। जिसमें अनेकों बार शनि देव अपनी कू दृष्टि हनुमान जी पर डालते हैं। जिससे हालांकि हनुमान जी तो बच जाते हैं, लेकिन शनि देव की बार बार कू दृष्टि पड़ने से वहां एक कालचक्र बन जाता है। और धीरे-धीरे उस काल चक्र में ग्रह मंडल के अनेक ग्रह समाने लगते हैं। शनिदेव खुद भी, व हनुमान जी भी उस कालचक्र के अंदर चले जाते हैं। इसके पश्चात जब समूची सृष्टि में अनियमितता शुरू हो जाती है, तो हनुमान जी अपनी बुद्धि व बल का प्रयोग कर उस कालचक्र को उल्टा घुमा देते हैं। जिसके चलते कालचक्र के अंदर समाए सभी ग्रह काल चक्र से बाहर आ जाते हैं। सृष्टि भी अपने स्थान पर वापिस आ जाती है। लेकिन हनुमान जी का ये कृत्य कालदेव (मौत के देवता) को नहीं भाता। व कालदेव इसे अपना अपमान मानते हैं। जिसके लिए वे हनुमान जी को दोषी मानते हुए उन्हें दंड देने की ठानते हैं। क्रोधित कालदेव को जब अपने लेखाकार चित्रगुप्त से पता चलता है कि हनुमान जी के परिवार में अभी किसी सदस्य की मौत नजदीक नहीं है। तो गुस्साए कालदेव अपनी शक्ति का प्रयोग कर हनुमान जी के पिता महाराज केसरी को अपना ग्रास बना लेते हैं। उन्हें अकाल मृत्यु दे देते हैं। जिसके पश्चात जब हनुमान जी को ज्ञात होता है कि उनके पिता की मृत्यु, एक साधारण मृत्यु न होकर, एक अकाल मृत्यु है। तो हनुमान जी को गुस्सा आ जाता है। वे कालदेव से अपने पिता के प्राण वापस लाने की ठान लेते हैं और वे काल लोक जाते हैं। हनुमान जी के बार-बार आग्रह करने पर भी जब कालदेव, हनुमान जी के पिता महाराज केसरी को जीवित नहीं करते तो हनुमान व कालदेव में युद्ध आरंभ हो जाता है। जिस दौरान रुद्रांश, हनुमान जी, क्रोधित हो अपने रौद्र रूप में आकर कालदेव को ही अपना ग्रास बना लेते हैं। सभी देवता आकर हनुमान जी को कालदेव को मुक्त करने का आग्रह करते हैं। लेकिन गुस्से में आए हनुमान जी किसी की बात नहीं सुनते। तब भगवान शिव प्रकट होकर हनुमान जी को कालदेव को ग्रास ना बनाने को कहते हैं। जिसके बाद हनुमान जी कालदेव को मुक्त कर देते हैं। चूंकि इस युद्ध में कालदेव ने हनुमान जी पर उनके बाल रूप में, अति बल का प्रयोग किया था, तो कालदेव से नाराज, क्रोधित भगवान शिव, कालदेव को कहते हैं कि आपने इस गद्दी की गरिमा को दूषित किया है। आपको इस पर विराजमान होने का कोई हक नहीं है और काल लोक पर फहरा रहे लाल/ केसरी झंडे को उतार कर कहते हैं कि अब यह ध्वज यहां नहीं फहराएगा और ध्वज, हनुमान जी को दे देते हैं। लेकिन हनुमान जी शांत होने के बाद कालदेव को पुनः उनके सिंघासन पर बैठा, काल लोक के ऊपर लगे लाल/ केसरी झंडे को दोबारा वहां स्थापित कर देते हैं। जिसके पश्चात कालदेव, हनुमान जी को वचन देते हैं कि जो भी व्यक्ति अपने घर पर लाल/ केसरी झंडा लगाएगा, उस घर में कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होगी। तो दोस्तों यह थी त्रेता युग की वो पौराणिक कथा, जिसका वर्णन हमारे पुराने अनेक धार्मिक ग्रंथों में है।  साथियों, क्योंकि यह कहानी हजारों साल पुरानी है। इसलिए शायद आपके मन में यह ख्याल आ रहा होगा कि त्रेता युग की इस कहानी का कलयुग में क्या प्रभाव है ? तो मित्रों, चूंकि, हनुमान जी, विश्व के आठ चिरंजीवियों में से एक हैं। सो हनुमान जी आज, इस कलयुग में भी हमारे बीच विराजमान हैं। इसलिए उन्हें मिले वरदान जिस प्रकार त्रेता युग में प्रभावशाली थे। वे आज भी, हनुमान जी की भांति ही, इस कलयुग में भी चिरंजीवी हैं।इसलिए आज भी जब आप किसी पंडित/ ज्योतिष आचार्य के पास जाते हैं, तो वह आपको अपने निवास स्थान के ऊपर केसरी/ लाल झंडा लगाने को कहता है। ताकि आपके घर से अकाल मृत्यु का योग खत्म हो जाए। साथियों अनेक हनुमान भक्तों की अपने घर के ऊपर लाल/ केसरी झंडा लगाने के पीछे यह भी धारणा है कि, हे बाबा, जिस प्रकार हमने आपके झंडे को ऊंचा स्थापित किया है, उसी प्रकार आप हमारे जीवन में हमारी बढ़त बनाए रखना। खैर मित्रों बात अकाल मृत्यु को टालने की हो या आपकी बढ़त की, दोनों ही परस्थितियां, आपके अनुकूल ही हैं। हम भी ‘मोगा टुडे न्यूज़’ चैनल की ओर से ‘संकट मोचन महाबली हनुमान जी’ से यही प्रार्थना करेंगे कि आपका जो भी भगत अपनी जिस भी मनोकामना को लेकर अपने घर के ऊपर सच्ची श्रधा से लाल/ केसरी झंडा लगाए, आप उस पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें व उसकी मनोकामना को पूर्ण करें।

मकर संक्रांति पर 501 परिवारों को दिए जाएंगे गर्म कंबल : राजिंदर वधवा !!

मंदिर लाल दुआरा में होगा संकीर्तन। मोगा, 11 जनवरी (अशोक मौर्या) : RAJINDER WADHVA मकर संक्रांति के पावन पर्व पर 14 जनवरी को शहर के  कोटकपूरा बाईपास स्थित मंदिर श्री लाल दुआरा में विशाल संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। इस संबंधी जानकारी देते मंदिर के चेयरमैन राजिंदर वधवा ने बताया कि श्री-श्री 1008 परमहंस योगीराज सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी महाराज के आशीर्वाद से और श्री-श्री 1008 गद्दीनशीन श्री राम सुंदर दास जी महाराज की अपार कृपा से मकर संक्रांति के पावन पर्व पर 14 जनवरी को मंदिर में विशाल संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया की सकीर्तन में बावा लाल जी के मधुर भजनों का गुणगान करने के लिए प्रेम पाल दत्ता व लक्की भांबरी, श्री गंगानगर, राजस्थान वाले अपनी हाजरी लगाएंगे। जिसके पश्चात आए श्रद्धालुओं के लिए चाय और गर्म पकौड़े का भंडारा लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को सायं 3 बजे से प्रभु इच्छा तक सकीर्तन होगा। जिसमें सभी श्रद्धालु सादर आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि समागम दौरान 501 जरूरतमंद परिवारों को गर्म कंबल भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने शहर की समाज सेवी संस्थाओं, एन.जी.ओ. सहित अन्य श्रद्धालुओं को इस समागम में पहुंचने का खुला निमंत्रण दिया है।

मां बगलामुखी के भगतों ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाल लिया मां का आशीर्वाद !!

मोगा 10 जनवरी (अशोक मौर्या) कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यज्ञशाला में हर वीरवार की तरह इस वीरवार भी विशेष हवन का आयोजन किया गया। आचार्य नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस विशेष हवं यज्ञ के मौके पर सुमन कुमार, सेक्रेटरी इंस्पेक्टर नगर निगम, विशेष तौर पर उपस्थित हुए। जिन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर मां बगलामुखी की पूजा हवन यज्ञ कर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर आचार्य नंदलाल शर्मा ने कहा कि मां बगलामुखी यज्ञशाला में जल्दी ही श्री बगलामुखी अखंड महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस अखंड महायज्ञ में कोई भी श्रद्धालु आकर आहुतियां डाल सकता है। और प्रत्येक वीरवार, शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक हवन यज्ञ किया जाता है। मंदिर के परिसर में लंगर भंडारे की व्यवस्था भी मंदिर की ओर से की जाती है। दूर दराज से श्रद्धालु आकर मां बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यहां मां बगलामुखी, पिंडी रूप में विराजमान हैं और यज्ञ के द्वारा कई प्रकार की बीमारियां, परेशानियां दूर होती हैं। मां बगलामुखी दरबार में 10 महाविद्या देवियां भी स्थापित हैं। इस मौके पर महेश बंसल, अर्चना बंसल, दीपक पुरी, सोनू धवन, श्याम मंगा, भारत भूषण, रणजीत सिंह धर्मकोट, मनोज जायसवाल, मुल्क राज, राजेश जिंदल, संजय नोहरिया, संजय गर्ग, अमन मदान, इंद्रजीत रही, विजय बॉम्बे, सम्राट मिंटू, रिंकू मिगलानी, श्यामलाल गर्ग, विजय मिश्रा, शशिकांत, उमाकांत, यश मित्तल आदि भगत उपस्थित थे। 

मां बगलामुखी यज्ञशाला एक शक्तिपीठ बन चुका है : आचार्य नंदलाल शर्मा !!

मोगा 3 जनवरी (अशोक मौर्य) कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यगशाला में हर वीरवार की तरह इस वीरवार भी विशेष हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। आचार्य नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस हवन यज्ञ में उपस्थिति ने आहुतियां डालकर नव वर्ष पर मंगल की कामना की। इस मौके पर आचार्य नंदलाल शर्मा ने बताया कि मां बगलामुखी यज्ञशाला में 10 महाविद्या देवियां स्थापित हैं। व देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी सती से ही दस महा विद्याओं की उत्पप्ति हुई थी। देवी सती के पिता प्रजापति दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने सभी देवताओं को आमंत्रित किया था। परन्तु यज्ञ में भगवान शिव और देवी सती (पार्वती) को नहीं बुलाया। अपने पिता के यहां यज्ञ का आयोजन है, ऐसा समाचार सुनकर माता सती, भगवान शिव से बिना निमंत्रण ही वहां जाने की हठ करने लगती हैं। परन्तु भगवान शिव उन्हें पुनः मना कर देते हैं। इससे देवी सती अत्यंत क्रोधित हो गई। जिसके पश्चात् उनके क्रोध से दसों दिशाओं से उनके दस स्वरूप प्रकट हुए। इन स्वरूपों को ही देवी सती की दस महाविद्या कहा जाता है। मां बगलामुखी यज्ञशाला में मां बगलामुखी पिंडी रूप में विराजमान हैं। मां बगलामुखी यज्ञशाला एक शक्तिपीठ बन चुका है।  इस मौके पर महेश बंसल, दीपक पुरी, रणजीत सिंह, सोनू धवन, रूपचंद नगर, रिंकू मिगलानी, श्याम मंगा, अनिल, परमिंदर, नरेश शर्मा, इंद्रजीत राही, विजय बॉम्बे, सम्राट मिंटू, प्रिंस गेंदु, अमन मदान, विकास मदान, हीरा सिंह आदि  उपस्थित थे।

भगवान श्री कृष्ण की पालकी यात्रा मौके श्री कृष्ण के जयकारों से गूंजा शहर !! जगह जगह हुआ भव्य स्वागत !!

मोगा 1 जनवरी (मुनीश जिन्दल) आईए पहले आप जरा इस वीडियो पर एक नजर डाल लें :  मौका है नव वर्ष 2025 के पहले दिन का। व जो दृश्य आपने अपनी स्क्रीन पर देखे, वो दृश्य थे जय श्री राधे श्याम सेवा मंडल की ओर से नव वर्ष के उपलक्ष में पिछले 4 वर्षों की तरह इस बार भी नए साल की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण की पालकी यात्रा से करने का। संस्था की ओर से निकाली गई यह पांचवीं यात्रा सुबह 4:30 बजे स्थानीय दाना मंडी के भारत माता मंदिर से शुरू होकर मेन बाजार, बाग गली, न्यू टाउन, डी.एन मॉडल स्कूल वाली गली, स्टेडियम रोड, न्यू गीता कॉलोनी, जवाहर नगर से होती हुई जैन मंदिर गली में जाकर 9:00 बजे समाप्त हुई। इस मौके पर भगवान कृष्ण के भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। जिसके चलते इस पालकी यात्रा में ढाई सौ से अधिक पुरुषों, महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों ने अपनी हाजिरी लगवाई। इस पालकी यात्रा का शहर के विभिन्न कृष्ण भक्तों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस पालकी यात्रा का स्वागत करने वालों में अनुराग बंसल, एप्पल ट्रैवल्ज, पप्पू बहल, पंडित सतीश जी, प्रोफेसर सुरेश बंसल, एडवोकेट नवीन गुप्ता, पार्षद गुड्डू, निशु कंप्यूटरज़, राजन गोयल, दीपक गर्ग, दुर्गा भजन मंडली के प्रधान सरिता, नितिन जैन, अनीता व शिव कौड़ा आदि थे। इन लोगों द्वारा जहां पालकी यात्रा का फूलों की वर्षा से स्वागत किया गया वहीं अपने-अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार के प्रसाद भी बांटे गए। इस पालकी यात्रा को सफल बनाने में मंडल के प्रधान दिनेश गर्ग, उप प्रधान अश्विनी कुमार पिंटू, सचिव दीपक गर्ग, खजांची राजन गोयल, नितिन जैन, मानिक बंसल, एडवोकेट रजनीश कुमार, दीप अरोड़ा, पप्पू चावला सहित अन्य सदस्यों ने अपना भरपूर सहयोग दिया। 

श्री राम संकीर्तन मंडल का 22वां जागरण हिमाचल के चामुंडा में सम्पन्न !!

चामुंडा / मोगा 1 जनवरी (अशोक मौर्य) श्री राम संकीर्तन मंडल की ओर से हिमाचल प्रदेश के चामुंडा जी में मां भगवती का जागरण करवाया गया। मंडल के संस्थापक महेश बंसल की अध्यक्षता में हुए इस जागरण में प्रिंस गेंदु गुरजंट हीरा ने विशेष तौर पर शिरकत की। जिन्होंने पूजा अर्चना कर मां भगवती का आशीर्वाद लिया।आचार्य नंदलाल शर्मा ने विधिवत्त मंत्र उच्चारण कर जागरण की शुरुआत करवाई। महेश बंसल ने बताया कि यह संस्था का 22वां जगराता है, जो मां भगवती की कृपा से चामुंडा जी में हुआ है। यह जगराता मोगा नगर निवासियों के सहयोग से किया जाता है। श्रद्धालु बसों में व निजी वाहनों में जागरण में पहुंचते हैं और भगवती मां का आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस मौके पर अशोक बाबा जी के परिवार की और से झंडा पूजन की रस्म करवाकर मां चामुंडा जी को झंडा अर्पित किया गया है। इस मौके पर अर्चना बंसल, मुल्क राज, राजेश जिंदल, वरिंदर गर्ग, प्रतीक बंसल, रितेश गुप्ता, हरीश जिंदल, संजीव जिंदल, विनय बाली, विपिन कुमार, हितेश बंसल, संजीव जिंदल, विनय अग्रवाल, कमल मकड़ अविनाश गुप्ता, अमित जैन, प्रदीप अरोड़ा आदि उपस्थित थे।

म्यूनिसिपल इंप्लाइज फेडरेशन ने ऐसे की नव वर्ष की शुरुयात ! निगम कमीश्नर व विधायक ने दिया ये संदेश !!

मोगा 1 जनवरी (मुनीश जिन्दल) आइए पहले आप जरा नगर निगम की इस वीडियो की पर एक नजर डाल लें :  दोस्तों यह नजारा था नगर निगम मोगा का, वर्ष 2025 के पहले दिन का। यहां म्यूनिसिपल इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले श्री सुखमणि साहिब के पाठ का भोग डाला गया। फेडरेशन के प्रधान सुखपाल सौदा की अगुवाई में हुए इस धार्मिक समागम में नगर निगम कमिश्नर मैडम चारुमिता, विधायक डाक्टर अमनदीप कौर अरोड़ा, मेयर बलजीत सिंह चानी, नगर पार्षद व नगर निगम के समूह अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। समागम के दौरान सभी ने बैठकर बड़े ही धार्मिक माहौल में श्री सुखमणि साहब के पाठ का आनंद माना और पाठ के भोग के बाद उपस्थिति के लिए विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया था। इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर मैडम चारुमिता और विधायक डॉक्टर अमनदीप कौर अरोड़ा ने इलाका वासियों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए उनके लिए एक विशेष संदेश भी दिया। क्या कहना था उनका, आप भी सुनलें : MS. CHARUMITA, COMMISSIONER MUNICIPAL CORPORATION, MOGA DR. AMANDEEP KAUR ARORA, MLA MOGA
error: Content is protected !!