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फाईलों में कैद पड़े हैं डी.सी. के आदेश !! फ़िल्मी गाने से सीख की जरूरत !!

फाईलों में कैद पड़े हैं डी.सी. के आदेश !! फ़िल्मी गाने से सीख की जरूरत !!

मोगा 6 दिसंबर (मुनीश जिन्दल) 

‘साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’। 1950 के दशक की फिल्म ‘नया दौर’ का ये गीत, जिसमें अदाकार दिलीप कुमार व वैजयंती माला ने काम किया था, आपको याद ही होगा। और वैसे भी सच्ची ही है, कि अगर किसी काम को एक टीम बनाकर किया जाए तो उसकी सफलता निश्चित है, लेकिन अगर उसी काम का बोझ, किसी एक के कंधों पर डाल दिया जाए, तो यकीनन उस काम के सफल होने में अनेकों किन्तु परन्तु, प्रश्नचिन्ह लग जाते हैं। और जहां तक सवाल है इस गीत के बोल का, तो शायद मोगा के अनेक सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को इस गीत के बोल को याद रखते हुए इन पर अमल करने की आवश्यकता है।  दोस्तों, भले ही यह गीत एक एक ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ फिल्म का हिस्सा था, लेकिन इस फिल्म के रिलीज होने के 67 वर्ष बाद भी अगर हम इस गीत के बोल को अपने वास्तविक जीवन में अपना लें, तो बेशक आज भी, यह खुद एक ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ का फिल्म का हिस्सा होने के बावजूद भी, हमारे जीवन में खुशहाली व तंदुरुस्ती के अनेकों रंग भर देगा।

आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन को पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 10 वर्ष पूर्व 2 अक्टूबर, 2014 को लांच किया गया था। और हाल ही में, बीती 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) ने अपनी 10वीं वर्षगांठ मनाई है। इस मुहिम को खासकर तीन मुख्य स्तम्भों पर आधारित किया गया था। जिनमें उपेक्षित क्षेत्रों को पुनर जीवित करना, सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देना व स्वच्छता कर्मियों के कल्याण में सुधार लाना था। चूंकि उस वक्त सरकार द्वारा ये मुहिम स्वर्गीय महात्मा गांधी जी के जन्मदिवस, 2 अक्टूबर को समर्पित की गई थी। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन द्वारा एक विशेष मुहिम 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक चलाई गई थी। और अगर हम बात मोगा प्रशासन की करें, तो जिला मोगा के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल, इस मुहिम को लेकर काफी गंभीर थे, और हैं, जिसके चलते उनके द्वारा इस संबंधी अपनी अगुवाई में अनेक बैठक कर संबंधित अधिकारियों को जिला मोगा को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए थे। जिसकी कमान संभालते हुए ADC जनरल मैडम चारुमिता द्वारा 27 सितंबर को शहर को अनेक पार्कों का दौरा भी किया गया था। उस वक्त हलांकि शहरवासियों, खासकर अनेक सैर करने वाले लोगों की और से ADC मैडम को पार्कों की दुर्दशा संबंधी जागरूक करवाया गया था। व उनसे ये अनुरोध किया गया था की वे किसी दिन, अपने सरकारी अमले को बिना बताए, पार्कों का अचानक दौरा करें, तो उन्हें यहां की सफाई व्यवस्था की असलियत का पता चलेगा। लेकिन जैसे जैसे बढ़ते समय के साथ साथ महात्मा गाँधी जी का जनम दिवस का दिन दूर हो रहा है, वैसे वैसे शायद पार्कों से सफाई व्यवस्था भी दूर हो रही है और आज स्वच्छ भारत मिशन की ख़ास ड्राइव के महज 2 महीने बाद पार्क की क्या स्तिथि है, वो आपके सामने है : 

वेदांतानन्द पार्क में पड़ी गंदगी, जो कि सैरगाहों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

वेदांतानन्द पार्क में खड़ी कूड़े से भरी ट्रॉली।

ऐसा प्रतीत होता है कि शायद डिप्टी कमीश्नर के अंतर्गत काम कर रही टीम उनके आदेशों को तुच्छ बताकर उनके आदेशों को फाइलों में ही कैद रखे हुए है, और डीसी साहब तक सच्चाई नहीं जाने दी जा रही है। जिसका खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते जब हमारी टीम द्वारा मोगा के वेदांतानन्द पार्क का दौरा किया गया, तो वहां के दृश्य विभिन्न सरकारों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन मुहीम के तहत खर्च किए जा रही भारी भरकम राशि को मुँह चिढ़ा रहे थे। आपको ये भी याद करा दें कि वेदांतानंद पार्क, विधानसभा हलका मोगा की विधायक डॉक्टर अमनदीप कौर अरोड़ा के घर से महज 50 मीटर के फासले पर है। और यहाँ ये भी जिक्रयोग्य है कि जब डॉ अमनदीप कौर अरोड़ा, विधायक बनी थी, और उन्होंने अपनी रिहायश लुधियाना जीटी रोड को छोड़कर गीता भवन के पास करने का फैसला लिया था, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा उनके घर के सामने पार्क को जाने के लिए एक नया छोटा दरवाजा भी लगाया गया था। लेकिन शायद अपनी व्यस्तता के चलते ना तो विधायक साहिबा को और न ही किसी उच्च सरकारी अधिकारी को, बिना अपने सरकारी अमले को बताए, पार्क का अचानक चक्कर लगाने का समय मिला। और जब तक संबंधित अधिकारी/ कर्मचारी किसी को जवाब देह नहीं हैं, तो ऐसे हालात में, पार्क की दुर्दशा के दृश्य आपके सामने हैं।

दोस्तों कहते हैं ना कि ‘प्रत्यक्ष को, किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है’। पार्क की दुर्दशा की मुंह बोलती तस्वीरें आपके सामने है। अब हम ‘मोगा टुडे न्यूज़’ की टीम व शहरवासियों की और से प्रशासन से व संबंधित अधिकारियों से यही आस करेंगे कि वे फिल्म ‘नया दौर’ के गीत के बोल ‘साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ को याद रखते हुए उन्हें अमल में लाकर डीसी साहिब के आदेशों को फाइलों से निकालकर उन्हें अपना कर, उन पर अमल करते हुए, शहर को साफ रखने में डीसी साहब का सहयोग करेंगे।


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