
मोगा 27 फरवरी (मुनीश जिन्दल)
28 फरवरी को जिला बार एसोसिएशन मोगा की नई बनने वाली कमेटी के चयन के लिए जहां विभिन्न पद्दों के प्रत्याशी, अपना एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं इन चुनावों को लेकर मतदाताओं, खासकर महिला वकीलों में भी ख़ासा उत्साह है। व महिला युवा वर्ग, किसी भी कीमत पर अपना कीमती वोट खराब नहीं होने देना चाहते। जब हमारी “मोगा टुडे न्यूज़” की टीम ने कुछ युवा महीला वकीलों से बात की, तो महिला वकीलों के लिए, उनका बनता आदर सन्मान व चैंबर की अलॉटमैंट के मुद्दे, विशेष मुद्दे उभरकर सामने आए। लेकिन फिर भी प्रत्येक युवा महिला वकील मतदाताओं के अपने अपने तर्क हैं। व उन्हें आने वाली नई कमेटी से अपने अपने स्तर पर उम्मीदें हैं।

एडवोकेट सतनाम कौर ने कहा कि वे अपने मत का प्रयोग करते हुए इस बात का खास ध्यान रखेंगी कि कौन सा प्रत्याशी महिला वकीलों को नए चैंबर दिलवाने में सक्षम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबरी या जज साहिबानों की ओर से इज्जत मिलने में कोई कमी नहीं है। लेकिन फिर भी पिछले 14 वर्षों से प्रैक्टिस कर रही एडवोकेट सतनाम कौर ने यह अवश्य कहा कि जो प्रत्याशी, उनकी समस्याओं को पहल के आधार पर हल करने में सक्षम होगा, वो उसी के हक में अपने वोट का मत का इस्तेमाल करेंगी।


युवा एडवोकेट जसदीप कौर ने कहा कि जो प्रत्याशी, महिला वकीलों को, बराबरी से आगे बढ़ाने के अवसर प्रदान करने में सामर्थ होगा, वे उसी के हक में अपने मत का इस्तेमाल करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें नई कमेटी से यह भी उम्मीद है कि कमेटी बनने के बाद चुने जाने वाले, कार्यकारिणी सदस्यों में महिलाओं को भी जगह मिले। इसके अलावा, जसदीप ने कहा कि वे उसी प्रत्याशी को अपना वोट देंगी, जो महिला वकीलों का बनता सन्मान व बार काउंसिल के भविष्य में होने वाले लंबित कामों को पहल के आधार पर हल करने का आश्वासन देगा।

एडवोकेट सोनू पुरी ने कहा कि वे अपने मत का प्रयोग करते हुए इस बात का ख्याल रखेंगी कि प्रत्याशी की पृष्टभूमि क्या है। उसकी गतिविधियां कैसी हैं व उसका अपने साथी वकीलों के साथ कैसा व्यवहार है। इसके अलावा प्रत्याशी कितना दूरदर्शी है। भविष्य को लेकर, उसके मन में क्या संभावनाएं हैं, वे इस बात को भी अहम मानती हैं। सोनू ने कहा कि, वे इस बात का भी खास ध्यान रखेंगी कि वे ऐसे प्रत्याशी को आगे लाएं, जो दोहरी नीति ना अपना कर, किसी भी वकील साथी की समस्या, फिर समस्या चाहे अदालत की हो या अदालत के बाहर की, उसमें कंधे से कंधा मिलाकर, जरूरत के समय में अपने साथी वकील के साथ खड़ा रहे। सोनू ने कहा कि, जो प्रत्याशी प्र्तेक समस्या को गंभीरता से लेकर उसे सुलझाने में सक्षम हो, उन्हें ही आगे आना चाहिए। इसके इलावा उन्होंने नए वकीलों के लिए, चैंबर अलॉटमेंट को भी, एक बड़ा मुद्दा बताया।


एडवोकेट अमनदीप कौर धालीवाल ने भी अपना मत, उस प्रत्याशी के हक में देने की बात कही, जो भविष्य में महिलाओं को तरजीह देते हुए, उन्हें बराबरी का दर्जा देते हुए, उन्हें कार्यकारिणी सदस्य में स्थान देगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अपने प्रत्याशी से यह भी उम्मीद है कि वह जहां महिला वकीलों के आदर को कायम रखेगा, वहीं उन्हें चैंबर दिलवाने में भी सक्षम रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आने वाली टीम, बार के विभिन्न लंबित पड़े कामों को पहल के आधार पर निष्पक्षता से करेगी।

एडवोकेट बावना ने कहा कि वे अपने मत का इस्तेमाल करते समय इस बात का खास ध्यान रखेंगी कि ‘बार’ का विकास करने में कौन सा प्रत्याशी सक्षम है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि बार रूम में महिला वकीलों को, पुरुष वकीलों के मुकाबले, बहुत ही छोटा कमरा दिया गया है। उन्होंने महिला वकीलों को बनता मान सन्मान व बराबरी के हक को, समय की जरूरत बताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रत्याशी से यह भी उम्मीद जताई कि, वह वकीलों की बात को ध्यान से सुन, उनकी शिकायतों के निपटारे में अपना पूर्ण सहयोग करे।

