
मोगा 3 मार्च (मुनीश जिन्दल)
दोस्तों, जब भी हम किसी सफल इंसान को देखते हैं, तो हमें उस व्यक्ति का मुकाम ही नजर आता है। लेकिन उस पद तक पहुंचाने के लिए उस व्यक्ति या उसके परिवार वालों ने किन किन मुश्किलों का सामना किया होता है, ये संबंधित व्यक्ति या उसके परिवार वालों सहित नजदीकी दोस्तों को ही पता होता है। आज हम बात करेंगे, ऐसे ही एक सफल व्यक्ति की। आज हम बात करेंगे, 2017 बैच के यूपीएससी के एक टॉपर की। आज हम बात करेंगे, एक स्वर्ण पदक विजेता वास्तुकार की। आज हम बात करेंगे, एक वास्तुकार से एक IAS बने अधिकारी की। आपको शायद यह सुनकर हैरानी होगी कि, एक नौजवान जिसने कि अपना घर, अपना जिला, अपना राज्य, छोड़ा तो था, एक वास्तुकार बनने के लिए। वह, वास्तुकार बन भी गया। वास्तुकार की डिग्री, स्वर्ण पदक के साथ हासिल की। लेकिन अचानक उसकी जिंदगी में एक यू-टर्न आता है। उसे ऐसे प्रेरणादायक साथी मिलते हैं, जिनकी प्रेरणा से वह आईएएस बनने की ठान लेता है, और आज वह एक सफल, ईमानदार, फुर्तीले, अनुशासित आईएएस अधिकारी के रूप में, पंजाब सरकार को अपनी सेवाएं दे रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, जिला मोगा के मौजूदा डिप्टी कमीश्नर सागर सेतिया की। किस प्रकार मौजूदा आईएएस, सागर सेतिया ने एक वास्तुकार से आईएएस तक का अपना सफर तय किया, इस संबंधी आईएएस के पिता अविनाश चंद्र सेतिया ने “मोगा टुडे न्यूज़” की टीम से ‘एक्सक्लूसिव’ बातचीत की।
साथियों, DC सागर सेतिया के पिता के रूबरू करने से पहले, हम आपका तारूफ, उनके परिवार से भी करवाना चाहते हैं। सागर सेतिया, कुल तीन भाई बहन हैं। सागर सेतिया के परिवार में उनकी बहन मनीषा सेतिया सबसे बड़ी हैं। जिन्होंने वकालत की हुई है। इसके अलावा उनके बड़े भाई सौरभ सेतिया, एक विख्यात व सफल उद्योगपति हैं। जिन्होंने भारत सहित विदेश (दक्षिण अफ्रीका) में भी अपना नाम कमाया है। सौरभ द्वारा ‘एरोपोनिक्स’ विधि से बिना मिटटी के हवा में खेती की जाती है। उनके द्वारा स्थापित अनोखे व आधुनिक यूनिट को लेकर, उनका नाम चुनिंदा लोगों की श्रेणी में आता है। इसके अलावा, उनकी माता का नाम उषा सेतिया है। उनकी पत्नी स्वर्णिका सेतिया, आज की आधुनिक महिला हैं। आज के इस आधुनिक व मशीनी युग में, वह भी अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास में बाखूबी योगदान डाल रही हैं। वह एक बेहतरीन प्रोडक्ट डिज़ाइनर हैं। इसके इलावा वह इंटीरियर डिजाइनिंग में बाखूबी रुचि रखती हैं। वह एक पुराने ब्यूरोक्रेट परिवार से नाता रखती हैं और उनके पिता उत्तर प्रदेश सरकार के एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं। इनके अलावा, सागर जी के घर में, एक डेढ़ वर्षीय नन्हा सागर भी है। जिसका नाम आर्यमन है।
आइए अब आप भी सुनें, सागर सेतिया की, एक वास्तुकार से आईएएस अधिकारी बनने की कहानी, उनके पिता अविनाश चन्द्र सेतिया की जुबानी।
AVINASH CHANDER SETIA (FATHER)

और साथियों, अगर में कहूं, कि किसी भी व्यक्ति की कार्यशैली में, उसके माता पिता द्वारा दिए संस्कार, अहम भूमिका निभाते हैं, तो ये कदापि गलत नहीं होगा। डीसी सागर सेतिया के माता पिता ने उनके अंदर क्या क्या संस्कार, क्या क्या गुण, कूट कूट कर भरे हैं, व अब सागर के पिता अविनाश चंद्र सेतिया व उनकी माता उषा सेतिया को अपने पुत्र सागर से क्या उम्मीदें हैं, आप वो भी सुनलें।
AVINASH CHANDER SETIA (FATHER)
USHA SETIA (MOTHER)

इस मौके पर आईएएस सागर सेतिया की बहन, मनीषा सेतिया ने भी “मोगा टुडे न्यूज़” की टीम से ‘एक्सक्लूसिव’ बात की। उनकी बहन मनीषा सेतिया को अपने भाई से कुछ उम्मीदें भी हैं। सागर की बहन मनीषा, अपने भाई से क्या उम्मीदें, अपने दिलो दिमाग में संजोए बैठी हैं, वो भी सुनलें।
MANISHA SETIA (SISTER)
साथियों सच ही है, कि अगर, व्यक्ति कुछ करने की ठान ले, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी उसके रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। जिसकी जीती जागती मिसाल, DC मोगा सागर सेतिया के रूप में, आपके सामने है। हमें उम्मीद है, कि हमारी ये खबर जहां विद्यार्थियों के लिए उनके भविष्य को लेकर एक प्रेरणास्रोत बनेगी, वहीं आईएएस सागर सेतिया की यह जीवनी, अनेक अभिभावकों का भी मार्गदर्शन करेगी।