
मोगा, 9 मार्च (मुनीश जिन्दल)
अगर हम कहें कि डिप्टी कमीश्नर मोगा, आईएएस सागर सेतिया एक दूरदर्शी अधिकारी हैं। तो इसमें कुछ गलत नहीं है। इस बात की ताजा मिसाल, उस समय देखने को मिली, जब उन्होंने छुट्टी वाले दिन, रविवार को अपने दफ्तर के अमले व संबंधित विभागों के अधिकारियों को साथ लेकर धुसी बांध का दौरा किया। यहां जिक्रयोग्य है कि इस इलाके में बाढ़ की संभावना, जब पंजाब में मानसून आता है, तो जून माह के भीतर या उसके बाद होती है। लेकिन जिला मोगा प्रशासन ने अभी से इस संबंधी अपनी कमर कस ली है। जिसके चलते आगामी मानसून सीजन के दौरान जिला मोगा को बाढ़ जैसी स्थिति से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर मोगा शहर को बाढ़ से बचाने के लिए अंतर जिला योजना तैयार की जाएगी। इस योजना के तहत सिधवां बेट (जिला लुधियाना) क्षेत्र से आने वाले पानी को रोकने के लिए जिला प्रशासन लुधियाना से संपर्क किया जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब में मानसून के मध्य जून माह के बाद आने की संभावना होती है, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया ने संबंधित विभागों को अभी से बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।


अधिकारीयों से विचार विमर्श करते DC सागर सेतिया।
जिला मोगा के डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया ने जिला मोगा के अंतर्गत सतलुज दरिया के धुसी बांध का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव संघेड़ा, भैणी, बीड़ सरकार, सैद जलालपुर, मंजाली, आदरामान, बासियां, गट्टी जट्टां, कन्नियां कलां और गांव बहादर के पास सतलुज दरिया का जायजा लिया। इसके अलावा, जिला लुधियाना के अधीन आने वाले कुछ क्षेत्रों तक के बांधों को भी देखा गया और पाया गया कि लुधियाना क्षेत्र में बांधों की ऊंचाई कम है। इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर मोगा द्वारा लुधियाना प्रशासन से बात करने के लिए कहा गया ताकि मानसून से पहले इन बांधों की ऊंचाई बढ़ाई जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अतिरिक्त जिला जालंधर से भी संपर्क किया जाएगा ताकि दरिया के रास्ते को समतल बनाए रखा जा सके। डिप्टी कमिश्नर सागर ने कहा कि जिला मोगा के अधीन आने वाले सतलुज के बांधों को मजबूत करने से इस क्षेत्र में बाढ़ का खतरा पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। लेकिन यह देखा गया है कि सिधवां बेट (जिला लुधियाना) क्षेत्र से आने वाले दरिया के बांध नीचले स्तर के हैं, जिन्हें तत्काल ऊंचा करने की आवश्यकता है। यदि यह बांध टूटते हैं तो पानी मोगा शहर तक पहुंच सकता है। इसी कारण जिला प्रशासन द्वारा लुधियाना प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिला मोगा सीमा के अंतर्गत गांव कमालके और शेरपुर ताइबा के बीच स्थित एल 5 बांध और गांव भैणी और संघेड़ा के बीच स्थित गिदड़पिंडी बांध का निर्माण कराया गया है। जिले से गुजरने वाली 5 ड्रेनों की सफाई का कार्य पिछले वर्ष भी किया गया था और इस वर्ष लगभग 8 ड्रेनों की सफाई करवाने के लिए ड्रेनेज विभाग को निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि पिछले मानसून सीजन के दौरान जिला मोगा की सीमा के अंतर्गत सतलुज दरिया में लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी का बहाव हुआ था। इस वर्ष उससे भी अधिक पानी के संभावित बहाव को नियंत्रित करने के लिए अग्रिम व्यवस्थाएं की जा रही हैं।इसके अतिरिक्त, डिप्टी कमिश्नर द्वारा जिला मोगा के अधिकारियों को सतलुज के धुसी बांध की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बारिश के मौसम के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति से बचा जा सके। उन्होंने ब्लाक विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देशित किया कि मनरेगा योजना के तहत सतलुज के किनारे अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाए और दरिया के पास बांधों में पड़ी दरारों को भरा जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर चारुमिता, एसडीएम धर्मकोट हिमांशु गुप्ता, ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन गितेश उपवेझा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

