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ओट क्लीनिक, निजी नशा मुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों की होगी नियमित जांच : DC सेतिया !!

ओट क्लीनिक, निजी नशा मुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों की होगी नियमित जांच : DC सेतिया !!

मोगा, 11 मार्च (मुनीश जिन्दल)

पंजाब सरकार द्वारा राज्य से नशों को खत्म करने के उद्देश्य से शुरू किए गए अभियान “नशों के खिलाफ युद्ध” के तहत मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया ने नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (एन.सी.ओ.आर.डी.) के तहत जिला स्तरीय कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले में नशों पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। इस बैठक में जिला पुलिस प्रमुख अजय गांधी, एस.डी.एम. बाघापुराना बेअंत सिंह, सिवल सृजन डा. प्रदीप महिंद्रा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक में मौजूद SSP अजय गांधी व् अन्य अधियकारी।

डिप्टी कमिश्नर ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में नशों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समय समय पर विद्यार्थियों के स्कूल बैग की जांच की जानी चाहिए ताकि यदि किसी छात्र के पास कोई नशीला पदार्थ मिले तो तुरंत उसके माता पिता को सूचित कर उसका उपचार शुरू किया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि नशे के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाए जाएं और नशों के दुष्प्रभावों के बारे में प्रचार किया जाए। इसके साथ ही ओट क्लीनिक और पुनर्वास केंद्रों के बारे में भी जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नशों के खिलाफ इस अभियान को जन आंदोलन में बदलना चाहिए ताकि राज्य से नशों का पूरी तरह से खात्मा हो सके।

डिप्टी कमिश्नर ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने अपने क्षेत्र में नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाएं, जहां सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मिलकर लोगों को नशों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नशों से संबंधित कोई भी जानकारी साझा करने के लिए या किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9779100200 पर संपर्क करें। यह आश्वासन दिया गया कि फोन करने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी केमिस्ट द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री न की जाए।

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