

मोगा 14 अप्रैल (मुनीश जिन्दल)
भारत विकास परिषद् की मोगा शाखा द्वारा प्रांतीय परिषद बैठक का आयोजन स्थानीय बी.एड कॉलेज के हॉल में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय महासचिव पंकज जिंदल ने की। कार्यक्रम की शुरुआत परिषद की संवैधानिक पद्धति के अनुरूप भारत माता के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्वलित कर और राष्ट्रीय गीत के गायन के साथ की गई। कार्यक्रम में भाविप पंजाब दक्षिण की 21 शाखाओं के अधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया। सर्वप्रथम, मोगा शाखा के अध्यक्ष सुधीर कोहली ने भिन्न भिन्न शाखाओं से आये हुए सभी सदस्यों, अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया। जिसके बाद प्रांतीय अध्यक्ष मनोज मोंगा ने मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का परिचय, अन्य सदस्यों से कराया। मोगा शाखा के वरिष्ठ सदस्य राकेश सचदेवा ने उपस्थित सदस्यों को बताया कि परिषद् के नए नियमों के अंतर्गत प्रत्येक सदस्य को परिषद् की एप में ऑनलाइन रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। इस सम्बन्ध में आ रही समस्याओं के निदान के लिए उन्होंने सभी सदस्यों को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी सदस्यों ने उपस्थित लोगों को स्वयं का परिचय दिया। प्रांतीय अध्यक्ष मनोज मोंगा ने पंजाब दक्षिण की कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए प्रांत द्वारा वर्ष भर में किए जाने वाले प्रकल्पों, बैठकों और अन्य कार्यों की जानकारी, उपस्थिति को दी और शाखाओं को उनकी रुचि के अनुसार करने के लिए प्रकल्प बांटे। अध्यक्ष पद की गरिमा का मान रखते हुए सभी शाखाओं ने इन्हें सहर्ष स्वीकार किया।
क्षेत्रीय संरक्षक सुनील जैन ने प्रांतीय उपाध्यक्ष, प्रकल्प प्रभारियों और जिला संयोजकों की भूमिका को और प्रभावशाली बनाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। क्षेत्रीय सचिव संस्कार राज वाट्स ने बदलते हुए सामाजिक परिप्रेक्ष्य में बच्चों और युवाओं में संस्कारों की कमी पर चिंताएं व्यक्त करते हुए कहा कि पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव हमारे बच्चों पर दिन ब दिन बढ़ रहा है। अतः बच्चे भारतीय पारंपरिक संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में हम सभी को यथाशक्ति प्रभावशाली कदम उठाने होंगे। गुरुवंदन छात्र अभिनन्दन पर चर्चा करते हुए मोगा शाखा के वरिष्ठ सदस्य डॉ राजेश पुरी ने बताया कि गुरुजनों के प्रति आदर और श्रद्धा भाव ही बच्चों के व्यक्तित्व का सूचक हैं। गुरु से प्राप्त ज्ञान का कोई मूल्य नहीं होता है, बल्कि उसे जीवन में धारण करके सामाजिक और राष्ट्र उत्थान ही गुरु के प्रति गुरुदक्षिण कहलाती है।
परिषद् में महिला सहभागिता पर बोलते हुए श्रीनिवास बिहानी ने कहा कि देश की आधी आबादी कहलाने वाली मातृ शक्ति के सहयोग और क्रियात्मक भागीदारी के बिना समाज में परिवर्तन असंभव है। आज समाज का कोई भी विभाग नारी शक्ति के प्रभाव से अछूता नहीं रहा। नई शाखाएँ खोलने और सदस्य संख्या में वृद्धि पर चर्चा करते हुए राजिंदर गर्ग ने बताया कि परिषद् की मूलभूत भावना और विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए नए नए सदस्यों का जुड़ना और नए शहरों, कस्बों और गांवों में शाखाएं खोलना भी अति आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि, यह तभी संभव है, जब समाज के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों को अपने कार्यक्रमों में शामिल किया जाए। नए लोगों को परिषद् के विचारों से अवगत कराया जाए।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पंकज जिंदल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि परिषद के साथ जुड़ कर सदस्यता ग्रहण कर लेना ही काफी नहीं होता बल्कि अपने मन, कर्म और वाणी से परिषद् की भावना को आत्मसात करना होता है। उन्होंने आगे कहा कि समाज सेवा करने वाली अनेकों संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन भाविप अपने पांचों सूत्रों के अतिरिक्त नैतिक मूल्यों पर बल देने वाली एकमात्र संस्था है। हर सदस्य, हमेशा अपने दिल और दिमाग में यह भावना बनाए रखे कि परिषद् की स्थापना का मूल उद्देश्य क्या है और मैं उसमें कहां तक खरा उतर रहा हूं। प्रांत के तत्कालीन अध्यक्ष विक्टर छाबड़ा ने आए हुए सभी सदस्यों, अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों का बैठक में शामिल होने पर धन्यवाद करते हुए मोगा शाखा के आतिथ्य की प्रशंसा की। राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ के गायन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मोगा शाखा के सदस्य उपस्थित थे।