
मोगा 02 सितंबर, (मुनीश जिन्दल/ राजू पासी)
पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश व नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के चलते मंगलवार को दूसरे दिन शहर की दूसरी 100 साल से अधिक पुरानी धरोहर धराशायी के करीब पहुंच गई। आपको ध्यान ही होगा कि अभी गत दिवस सोमवार को शहर की रेलवे रोड पर स्तिथ पुरानी दाना मंडी के गेट नंबर 2 की छत्त गिरी थी, लेकिन मंगलवार को बाग गली की मेन बाजार की और लगते गेट की छत गिर गई। जानकारों के मुताबिक हादसा मंगलवार सुबह 8:00 बजे के करीब हुआ, लेकिन गनीमत ये रही कि उस वक्त छत के नीचे कोई भी नहीं था। एक तो स्कूल बन्द चल रहे हैं और दूसरा उस वक्त बाजार भी अभी खुला नहीं था। इसलिए आवाजाई ना के बराबर थी। जिसके चलते कोई भी जानी या माली नुक्सान होने से बचाव हो गया। घटना की सूचना मिलते ही संबंधित विभाग के SDO गुरजोत सिंह अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंच गए व आधे घण्टे के भीतर ही मलबा एक तरफ करवाकर बाधित ट्रैफिक शुरू करवा दिया। इस बीच ट्रैफिक पुलिस के प्रभारी SI सुखमंदर सिंह व पार्षद साहिल अरोड़ा भी मौके पर पहुंचे और ट्रेफिक ट्रेफिक को दरुस्त करवाने में सहायता की।

SDO गुरजोत, बाग गली से मलबा उठवाते हुए।

दोस्तों इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस छत के गिरने का मुख्य कारण पिछलों कुछ दिनों से लगातार चल रही मूसलाधार बरसात ही है। लेकिन अगर हम कहें कि इसके लिए नगर निगम के समय समय के संबंधित अधिकारी भी जिम्मेवार हैं, तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि इस 100 वर्ष से अधिक पुराने गेट को इस बीच अनेकों बार पहले नगर कौंसिल की और से व बाद में नगर निगम की और से रंग रोगन कराया गया। लेकिन विभाग, गेट की बाहरी चमक तक ही सीमित रह गया, शहर की इस 100 वर्ष से अधिक पुरानी धरोहर की मजबूती की ओर किसी भी अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया। खैर अब इन दोनों गेटों की छत गिरने का असली जिम्मेवार कौन है ? ये तो एक जांच का विषय है।
लेकिन मंगलवार को बागगली में पहुंचे नगर निगम के संबंधित विभाग के SDO गुरजोत सिंह जरूर मीडिया के रूबरू हुए।