
मोगा, 23 मई (मुनीश जिन्दल)
“पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा जो 25 हजार एकड़ जमीन पंजाब में एक्वायर करने की घोषणा की है, जिसमें मोगा, लुधियाना खास तौर पर शामिल किए गए हैं, सरकार के इस कदम से पंजाब की किसानी खत्म हो जाएगी तथा छोटे किसान जिनकी रोजी रोटी कृषि पर निर्भर है, वह भी खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी।” उक्त विचार भाजपा के जिलाध्यक्ष डा. सीमांत गर्ग के नेतृत्व में भाजपा के पदाधिकारियों ने डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया को पंजाब सरकार के नाम, एक मांग पत्र देने के अवसर पर प्रकट किए।
इस मौके पर भाजपा के सीनियर नेता पूर्व विधायक डा. हरजोत कमल, महामंत्री पूर्व एस.पी. मुख्तयार सिंह, उपाध्यक्ष सोनी मंगला, भूपिंदर हैप्पी, उमाकांत पांडे, धर्मवीर भारती, शशिकांत पांडे, राजेन्द्र गाबा, विजय मिश्रा के अलावा भारी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।

डा. सीमांत गर्ग ने कहा कि पंजाब सरकार का यह कदम, पंजाब की किसानी के लिए विनाशकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अब अपने अंतिम समय में पंजाब के प्रापर्टी डीलरों जैसा कार्य करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि लुधियाना के 10 किलोमीटर के दायरे में जहां कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, वहीं मोगा जिले के भी 72 गांव इस स्कीम के अंदर लिए गए हैं। जिससे छोटे किसानों को खत्म करके उनकी जगह पंजाब सरकार बिना कोई एजेंडे के तथा बिना कोई स्कीम के यह कार्य करने लगी है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने दिल्ली में बैठे नेताओं के कहने पर यह कार्य, पंजाब की किसानी को खत्म करने के लिए शुरू किया है। जिसके लिए दिल्ली के नेता मनीष सिसोदिया व सतेन्द्र जैन को पंजाब में बैठा दिया है। इसके अलावा पंजाब में अलग अलग विभागों के चेयरमैन लगाने के लिए भी दिल्ली से आप नेताओं को लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही शहरों की त्रासदी से ग्रस्त है। उन्होने कहा कि 25 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने से वहां पर लगे वृक्ष तथा और पौधे खत्म किए जाएंगे। जिससे वातावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा तथा पंजाब जो पहले ही फोरलेन व सिक्स लाइन के चलते वृक्षों की कटाई करने से गर्मी को झेल रहा है तथा वातावरण का संतुलन भी खराब हो रहा है, अब सरकार के इस जमीन अधिग्रहण के कारण धरती का संतुलन और बिगड़ जाएगा तथा जो छोटे किसान अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी खेती करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे, तथा धरती को अपनी मां के सामान समझते थे, अब उनको भी जमीन से वंचित होना पड़ेगा। जिसको भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी तथा किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के इस किसान मारू अधिनियम को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी।
उन्होंने डिप्टी कमिश्नर को दिए गए मांग पत्र में कहा कि सरकार इस घोषणा को जल्दी से जल्दी रद्द करें, ताकि किसानी पर जो नई मुसीबत आम आदमी पार्टी सरकार की आई है, उसको ठीक किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस जमीन अधिग्रहण को किसान हितैषी नीति बताया है, वह बिल्कुल किसान विरोधी नीति है तथा किसानों को पैसे का लालच देकर इस नीति को कामयाब करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब सरकार की किसानों के फायदे वाली स्कीम नहीं है, बल्कि इस स्कीम के तहत दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बैठे नेताओं की जेबें भरने के लिए नीति बनाई जा रही है। लेकिन पंजाब के लोग इसको किसी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे। इसके लिए अगर भाजपा को पूरे पंजाब में संघर्ष शुरू करना पड़ेगा, तो वह उससे भी पीछे नहीं हटेंगे।