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‘नशों के खिलाफ युद्ध’ ! नशा तस्कर जेल, थाना या जाएंगे पंजाब से बाहर : स्वास्थ्य मंत्री !!

‘नशों के खिलाफ युद्ध’ ! नशा तस्कर जेल, थाना या जाएंगे पंजाब से बाहर : स्वास्थ्य मंत्री !!

मोगा, 6 मार्च (मुनीश जिन्दल)

पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए बड़ा अभियान छेड़ दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अब नशा तस्करों के लिए केवल तीन ही विकल्प बचे हैं, या तो जेल जाएंगे, थाने जाएंगे या फिर पंजाब छोड़कर भागना पड़ेगा। यह बात उन्होंने गांव जनेर स्थित सरकारी पुनर्वास केंद्र के दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कही। मंत्री ने केंद्र में इलाज करवा रहे नशा पीड़ितों की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से अभियान की प्रगति पर चर्चा की।
“युद्ध नशों के खिलाफ” : निर्णायक भूमिका
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में “युद्ध नशों के खिलाफ” अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मकसद पंजाब को नशा मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार नशे के आदी लोगों को सहानुभूति के साथ देख रही है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए पुनर्वास, रोजगार और खेलों के साथ जोड़ने की योजना बना रही है।
सरकार की रणनीति:
सबसे पहले चिट्टे (हेरोइन) की समस्या को जड़ से खत्म करना है। मरीजों का इलाज सरकारी पुनर्वास केंद्रों में मुफ्त किया जा रहा है। ओवरडोज से होने वाली मौतों को रोकने के लिए पहले नशा करने वालों को गोलियों पर लाया जाएगा। इसके बाद गोलियां भी छुड़वाई जाएंगी और उन्हें खेलों और रोजगार से जोड़ा जाएगा। नशा मुक्त होने वाले मरीजों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार शुरू करने के लिए सरकारी योजनाओं के तहत कर्ज दिया जाएगा।
मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार जल्द ही मोबाइल मोहल्ला क्लीनिक वैन शुरू करने जा रही है। ये वैन गांव गांव जाकर 40 से ज्यादा टेस्ट और 125 दवाइयां मुफ्त देंगी। फिलहाल 71 वैन चल रही हैं। लेकिन अगले कुछ महीनों में 200 और वैन शुरू की जाएंगी। हर दिन ये वैन दो गांवों का दौरा करेंगी और लोगों को मुफ्त इलाज देंगी।

‘नशों के खिलाफ युद्ध’ संबंधी बैठक की अध्यक्षता करते मंत्री बलबीर सिंह।

प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्रों के लिए सख्त निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्रों के प्रबंधकों को चेतावनी दी कि अगर उनके केंद्रों के बाहर नशीली गोलियों की बिक्री का मामला सामने आया तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार इन केंद्रों की सख्त निगरानी कर रही है और समय समय पर जांच की जाएगी।
नशा मुक्त पंजाब के लिए सामूहिक प्रयास
स्वास्थ्य मंत्री ने एनआरआई, एनजीओ और धार्मिक संस्थाओं से अपील की कि वे भी इस अभियान में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इन संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी देगी।
महिलाओं से विशेष अपील
स्वास्थ्य मंत्री ने महिलाओं से अपील की कि अगर उनके घर का कोई सदस्य नशे की लत में फंस गया है, तो उसे सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र में लेकर आएं। सरकार वादा करती है कि वह उनके परिवार के सदस्य की जिंदगी बचाएगी और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने का मौका देगी।
राजनीतिक दखल से आजाद पुलिस
मंत्री ने कहा कि अब पुलिस किसी भी राजनीतिक दबाव के बिना नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने नशा तस्करी से संपत्ति बनाई है तो उसे कानून के मुताबिक जब्त कर नष्ट कर दिया जाएगा।

स्वास्थ्य क्रांति की ओर कदम
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि जल्द ही पंजाब सरकार राज्य में 6 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगी। जहां घुटनों के प्रत्यारोपण और डायलिसिस जैसी सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी। लुधियाना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले ही बन चुका है जहां 25 डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। ऐसा ही एक केंद्र राजिंद्रा अस्पताल पटियाला में भी बनाया जा रहा है।
नशा तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
स्वास्थ्य मंत्री ने दोहराया कि नशा तस्करों के खिलाफ सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है। कोई भी तस्कर कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार नशा पीड़ितों को दूसरा जीवन देने की योजना पर काम कर रही है। जिसके तहत सरकारी पुनर्वास केंद्रों में मुफ्त इलाज, नशा मुक्त होने वालों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, स्वरोजगार के लिए सरकारी योजनाओं के तहत कर्ज और पुनर्वास के बाद मरीजों के लिए नारकोटिक सपोर्ट ग्रुप बनाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
उन्होने कहा कि पंजाब सरकार का “युद्ध नशों के खिलाफ” अभियान राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने नशा पीड़ितों के पुनर्वास, तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए ठोस योजना तैयार की है। अब यह अभियान केवल सरकार का नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग का है।
इस मौके पर विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा, डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया, जिला पुलिस प्रमुख अजय गांधी, मोगा नगर निगम के मेयर बलजीत सिंह चन्नी, एडीसी (विकास) जगविंदरजीत सिंह गरेवाल, एडीसी (जनरल) चारुमिता, 
एसडीएम धर्मकोट हिमांशु गुप्ता सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकरियों सहित पार्टी के लोग मौजूद थे। 

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