












मोगा 3 जनवरी (अशोक मौर्य)
कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यगशाला में हर वीरवार की तरह इस वीरवार भी विशेष हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। आचार्य नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस हवन यज्ञ में उपस्थिति ने आहुतियां डालकर नव वर्ष पर मंगल की कामना की। इस मौके पर आचार्य नंदलाल शर्मा ने बताया कि मां बगलामुखी यज्ञशाला में 10 महाविद्या देवियां स्थापित हैं। व देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी सती से ही दस महा विद्याओं की उत्पप्ति हुई थी। देवी सती के पिता प्रजापति दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने सभी देवताओं को आमंत्रित किया था। परन्तु यज्ञ में भगवान शिव और देवी सती (पार्वती) को नहीं बुलाया। अपने पिता के यहां यज्ञ का आयोजन है, ऐसा समाचार सुनकर माता सती, भगवान शिव से बिना निमंत्रण ही वहां जाने की हठ करने लगती हैं। परन्तु भगवान शिव उन्हें पुनः मना कर देते हैं। इससे देवी सती अत्यंत क्रोधित हो गई। जिसके पश्चात् उनके क्रोध से दसों दिशाओं से उनके दस स्वरूप प्रकट हुए। इन स्वरूपों को ही देवी सती की दस महाविद्या कहा जाता है। मां बगलामुखी यज्ञशाला में मां बगलामुखी पिंडी रूप में विराजमान हैं। मां बगलामुखी यज्ञशाला एक शक्तिपीठ बन चुका है।
इस मौके पर महेश बंसल, दीपक पुरी, रणजीत सिंह, सोनू धवन, रूपचंद नगर, रिंकू मिगलानी, श्याम मंगा, अनिल, परमिंदर, नरेश शर्मा, इंद्रजीत राही, विजय बॉम्बे, सम्राट मिंटू, प्रिंस गेंदु, अमन मदान, विकास मदान, हीरा सिंह आदि उपस्थित थे।