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मां बगलामुखी की उत्पत्ति, एक ख़ास कार्य के लिए हुई थी : आचार्य नन्द लाल !!

मां बगलामुखी की उत्पत्ति, एक ख़ास कार्य के लिए हुई थी : आचार्य नन्द लाल !!

मोगा 17 जनवरी (अशोक मौर्या) :

कोटकपूरा रोड स्थित मां बगलामुखी यज्ञशाला में हर वीरवार की तरह इस वीरवार भी हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। मां बगलामुखी यज्ञशाला के प्रमुख सेवादार आचार्य नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस हवन यज्ञ के मौके पर  उन्होंने बताया कि मां बगलामुखी यज्ञशाला में हर वीरवार निशुल्क हवन यज्ञ किया जाता है। कोई भी श्रद्धालु मां भगवती के पवित्र महायज्ञ में आकर, आहुति डालकर मां बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। मां बगलामुखी यज्ञशाला में मां बगलामुखी पिंडी रूप में विराजमान हैं। इस पूरी सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का ग्रंथ, जब एक राक्षस ने चुरा लिया और पाताल में छिप गया। तब उसके वध के लिए मां बगलामुखी की उत्पत्ति हुई थी। मां ने बगुला का रूप धारण कर उस राक्षस का वध किया और ब्रह्मा को उनका ग्रंथ लौटाया। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मां का मंदिर बनाकर मां की पूजा अर्चना की थी। पहले रावण और उसके बाद लंका पर जीत के लिए श्रीराम ने शत्रुनाशिनी मां बगुला की पूजा की और विजय पाई। मां बगलामुखी को पीतांबरी भी कहा जाता है। इस कारण मां के वस्त्र, प्रसाद, मौली और आसन से लेकर हर कुछ पीला ही होता है।

इस मौके पर महेश बंसल, दीपक पुरी, इंद्रजीत रही, मनोज जायसवाल, विजय बॉम्बे, संजय गर्ग, नरेश शर्मा, मुल्क राज, राजेश जिंदल, रूपचंद नगर, विजय मंगा आदि उपस्थित थे।

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