मोगा 9 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)
विभिन्न पुलिस थानों की पुलिस ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर कुल 6 लोगों को काबू कर उनके कब्जे से चोरी के 5 मोटरसाइकिल व तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस फाइलों से एकत्रित जानकारी के मुताबिक थाना कोट-ईसे-खां की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि तीन युवक, सोमनाथ अबू उर्फ सुखा, जगसीर सिंह जागर व बलविंदर सिंह उर्फ बिंदर, दो मोटरसाइकिल चोरी करके लाए हैं व उन्हें गांव जनेर की झाड़ियां में छुपाने की फिराक में हैं। जिस पर पुलिस ने वहां रेड कर इन तीनों लोगों को काबू कर उनके कब्जे से दोनो मोटरसाइकिल बरामद किए। थाना कोट-ईसे-खां की पुलिस द्वारा काबू किए गए तीनों युवकों के खिलाफ 303(2) व 317(2) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
थाना अजितवाल की पुलिस को भी एक गुप्त सूचना के मिली थी कि बिक्कर सिंह उर्फ़ विक्की वासी भिंडर खुर्द, जो कि मोटरसाइकिल चोरी करने का आदि है। वह आज भी चोरी के दो मोटरसाइकिल, जिनमें एक काले रंग का बिना नंबर प्लेट का सुपर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल व एक हीरो होंडा सीडी डीलक्स बिना नंबर प्लेट का मोटरसाइकिल है, विक्की इन दोनों मोटरसाइकलों को दाना मंडी अजीतवाल की मार्किट कमेटी दफ्तर के नजदीक लेकर खड़ा है व अपने ग्राहकों का इंतजार कर रहा है। जिस पर पुलिस ने वहां रेड कर बिककर सिंह उर्फ़ विक्की को काबू कर उसके कब्जे से दोनों मोटरसाइकिल बरामद किए हैं। इस संबंधी पुलिस द्वारा BNS की धारा 333,115(2), 305, 324(2), 190, 191(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस स्टेशन अजीतवाल की पुलिस पार्टी काबू किए गए दोषी व बरामद मोटरसाइकिल के साथ। (छाया: राजू पासी)
इधर थाना सिटी एक की पुलिस ने भी एक गुप्त सूचना के आधार पर गांव धल्लेके-लंडेके नहर के पुल के पास नाकाबंदी कर दोषी सुखचैन सिंह उर्फ बबल वासी वार्ड नंबर 8, भट्टी बस्ती धर्मकोट व मनिंदर सिंह वासी पेट्रोल पंप, मोगा रोड के सामने वाली बस्ती, धर्मकोट को काबू कर उनके कब्जे से चोरी के तीन मोबाइल फोन व एक बिना नंबर प्लेट का मोटरसाइकिल स्प्लेंडर प्लस बरामद किया है। थाना सिटी पुलिस द्वारा दोनों दोषियों के खिलाफ BNS की धारा 304, 303(2), 317(4) के अतिरिक्त 317(2) DDR के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फिलहाल तीनों ही मामलों में संबंधित थानों की पुलिस द्वारा दोषियों को संबंधित माननीय अदालतों में पेश कर उनका पुलिस रिमाण्ड हासिल करने की कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। ताकि इन मामलों में दोषियों के अन्य लिंक पता किया जा सकें।