
मोगा, 30 मार्च (मुनीश जिन्दल)
शहर की शिक्षण संस्था द लर्निंग फील्ड ए ग्लोबल स्कूल (टी.एल.एफ) में मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन प्रवीण गर्ग, चेयरमैन इंजी. जनेश गर्ग व डायरेक्टर डा.मुस्कान गर्ग के दिशा निर्देशों पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
स्कूल प्रिंसिपल रंजीत भाटिया ने कहा कि स्कूल द्वारा लगातार दो दिनों तक समृद्ध और संवादात्मक कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षण पद्धतियों को बढ़ाना और शिक्षकों के बीच सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देना था। पहले दिन माहिर गुरजीत द्वारा संचालित एक ज्ञानवर्धक सत्र था, जिसमें टीम वर्क के माध्यम से शिक्षण और पाठ योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया था। प्रिंसिपल भाटिया ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को सहयोगात्मक पाठ योजना तकनीकों से लैस करना था, ताकि छात्रों के लिए अधिक संरचित और आकर्षक शिक्षण अनुभव तैयार किए जा सके। गुरजीत ने युवा दिमागों को आकार देने में प्रभावी शिक्षण के महत्व पर जोर दिया और टीम आधारित पाठ योजना गतिविधियों की शुरूआत की। जिससे शिक्षकों को सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने छात्र केंद्रित शिक्षण को प्रोत्साहित किया, जिसमें संवादात्मक और पूछताछ आधारित शिक्षण को शामिल किया गया। पाठ के उद्देश्यों को संरचित किया गया, पाठ घटकों को विभाजित किया गया और चचार्ओं और समूह कार्य के माध्यम से छात्रों की सहभागिता को बढ़ावा दिया गया। इस मौके पर शिक्षकों ने टीम आधारित पाठ योजना निर्माण में भाग लिया, केस स्टडी का विश्लेषण किया और पाठ वितरण को बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार किया। ये सत्र अत्यधिक संवादात्मक था, जिससे सार्थक चचार्ए और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि मिली।
इसका समापन एक रोचक प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें शिक्षकों ने टीमवर्क आधारित पाठ योजना को लागू करने में अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया। दूसरे दिन की कार्यशाला कक्षा में विषय वस्तु मानसिकता और सकारात्मक दृष्टिकोण विषय पर गतिशील और विचारोत्तेजक थी और इसका संचालन गौरव बाली ने किया। इस सत्र में किंडरगार्टन, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों सहित सभी स्तरों के शिक्षकों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। माहिर बाली ने सकारात्मक मानसिकता के गहन प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जीवन में प्रत्येक परिणाम व्यक्ति के दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम है। उनके आकर्षक और संवादात्मक दृष्टिकोण ने पूरे सत्र के दौरान प्रतिभागियों को बांधे रखा। उन्हें रचनात्मक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक रणनीतियां प्रदान की।
वरिष्ठ अधिकारी सौरभ शर्मा के समन्वय और अटूट समर्थन ने इस सत्र को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यशाला में संवादात्मक गतिविधियां शामिल थीं, जिसमें प्रतिष्ठित चाय गिलास अभ्यास शामिल था। जिसने कक्षा की गतिशीलता और नवीन शिक्षण पद्धतियों पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों द्वारा स्वयं संचालित एक रोल प्ले गतिविधि ने छात्रों की सहभागिता बढ़ाने में इंटरैक्टिव शिक्षण के महत्व को रेखांकित किया। यह सत्र सभी के लिए एक समृद्ध अनुभव साबित हुआ, जिसने शिक्षा में सकारात्मकता, रचनात्मकता और सक्रिय भागीदारी की शक्ति को मजबूत किया। इसने शिक्षकों को कक्षाओं को अधिक समावेशी, आकर्षक और छात्र अनुकूल बनाने के लिए नई रणनीतियों का पता लगाने और अपनाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया।

