

मोगा, 9 अप्रैल (मुनीश जिन्दल)
डिप्टी कमिश्नर सागर सेतिया ने बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग समेत विभिन्न विभागों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों को सख्ती से कहा है कि प्रत्येक प्राथमिक स्कूल में प्राथमिक चिकित्सा किट, जिसमें ज़रूरी मात्रा में ओआरएस और जिंक के पैकेट और अन्य आवश्यक सामग्री हो, उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों और विशेष आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए भी विशेष निर्देश दिए गए हैं।
आज विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पड़ने वाली अत्यधिक गर्मी, मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी के दौरान जिला निवासी दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों, मज़दूरों, मोटापे से पीड़ित लोगों, मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों, हृदय रोगियों आदि को हर स्थिति में अधिक तापमान से बचाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बाहर काम करते समय हल्के रंग के पूरे शरीर को ढकने वाले सूती कपड़े पहनने चाहिए, सिर को सीधी धूप से बचाने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का उपयोग करना चाहिए और नंगे पांव धूप में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग धूप में काम करते हैं, उन्हें शरीर का तापमान 37 डिग्री बनाए रखने के लिए थोड़ी थोड़ी देर बाद छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला तौलिया या कपड़ा रखना चाहिए, धूप में जाते समय हमेशा पानी साथ लेकर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मौसमी फल और सब्जियाँ जैसे तरबूज, खरबूजा, अंगूर, खीरा, टमाटर, घीया और तोरई का अधिक से अधिक सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम में ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी के चरम समय के दौरान खाना पकाने से परहेज़ करें, रसोईघर को अच्छी तरह हवादार रखने के लिए दरवाज़े और खिड़कियाँ खुली रखें। सिगरेट, तंबाकू, बीड़ी और शराब का सेवन न करें। चाय, कॉफी का सेवन कम से कम करें, तले और बाहर के खाने से परहेज़ करें। बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहनों में न छोड़ें। ज़रूरत पड़ने पर मुफ्त एंबुलेंस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 108 और स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।