






मोगा 22 जनवरी (मुनीश जिन्दल)
” माँ “। दोस्तों ‘मां’ शब्द लिखने में जितना छोटा है, इसकी व्याख्या, उतनी ही अधिक कठिन व लम्बी है। अगर हम ‘मां’ शब्द की व्याख्या करने का प्रयास करें, तो शायद हमारा शब्दकोश ही कम पड़ जाएगा। या दूसरे शब्दों में हम ये कह सकते हैं कि ‘मां’ शब्द की व्याख्या करना, इंसान के लिए तो संभव नहीं है। किसी भी व्यक्ति का, उसके जन्म से पूर्व ही, उसकी मां से लगाव शुरू हो जाता है। इसके बाद उसका जन्म और फिर शुरू होता है उस मां द्वारा अपने उस अंश को रूप देने का कार्य। जिसमें वो मां अपना सब कुछ गंवा कर भी, अपनी औलाद को बेहतरीन जीवन व अच्छे संस्कार देने को प्रयासरत्त रहती है। और मैं कहूंगा कि आज के इस कलयुग में उन व्यक्तियों को, उन पुत्रों को भी सलाम है, जो अपनी मां को कदापि नहीं भूलते।






आज हम विशेष तौर पर बात कर रहे हैं नगर निगम के मेयर बलजीत चन्नी की। आज हम बात कर रहे हैं, नगर निगम के मेयर बलजीत चन्नी के उन लम्हों की, जब ‘मोगा टुडे न्यूज़’ से एक खास बातचीत के दौरान, वे हमारे सवालों के जवाब देते देते, अपने बचपन में चले गए। जहां बचपन में वे अपनी मां के साथ बिताए समय को याद करते हुए भावुक हो गए। उनकी आंखें नम हो गई व आवाज भारी हो गई।

