

मोगा 17 फरवरी (मुनीश जिन्दल)
गहने, किसी भी महीला का सिंगार हैं। वैसे भी, ये भी माना जाता है, कि कान व नाक सूना नहीं छोड़ना चाहिए। इसे, एक अपशगुन भी माना जाता है। लेकिन, जिला मोगा की गांव दौधर शर्की की 60 वर्षीय गुरमेल कौर ने ये कभी नहीं सोचा होगा, कि उसके द्वारा रोजमर्रा की जिंदगी में पहने जाने वाली बालियां व उसके नाक का कोका ही उसकी मौत का कारण बन जायेंगे। लेकिन ऐसा ही हुआ मृतक गुरमेल कौर के साथ। आपको याद ही होगा कि गांव दौधर शर्की की गुरमेल कौर की बीती 9 व 10 फरवरी की रात को हत्या हुई थी। और जब पुलिस मौके पर पहुंची थी, तो ये बात सामने आई थी, कि मृतक की बालियां व उसका कोका, उसके शरीर पर नहीं है। लेकिन इस हत्या के लगबघ एक सप्ताह बाद संबंधित पुलिस थाना बधनी कलां के प्रभारी इंस्पैक्टर गुरमेल सिंह व उनकी टीम द्वारा इस अंधे क़त्ल की गुत्थी को सुलझा लिया गया है। सोमवार को DSP (D) लवदीप सिंह ने इस संबंधी एक पत्रकार वार्ता कर मीडिया कर्मियों से जानकारी सांझा की। इस मौके पर उनके साथ थाना बधनी कलां के प्रभारी इंस्पैक्टर गुरमेल सिंह व उनकी टीम भी मौजूद थी।

