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फुकेट (थाईलैंड) इसके लिए भी है विश्व विख्यात !! अगर मौका मिला, तो छोड़ना मत ये चीज !!

फुकेट (थाईलैंड)/ मोगा 8 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)  दोस्तों वैसे तो थाईलैंड खासकर ‘फुकेट’ अनेक चीजों के लिए विश्व भर में मशहूर है। लेकिन आज हम जो नजारे नीचे आपको आपकी स्क्रीन पर दिखाने जा रहे हैं, उसे देखकर जहां आपके मुंह में पानी तो आएगा ही, यकीनन आप ये भी कहने पर मजबूर हो जाएंगे कि हां जनाब, फुकेट, थाईलैंड इसके लिए भी मशहूर है। दोस्तों हम बात कर रहे हैं फुकेट में मिलने वाले फलों की। शायद आपको इस बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन नीचे जो रिकॉर्डिंग हम आपको, आपकी स्क्रीन पर दिखाएंगे, वह इस बात का जीता जागता सबूत है कि फलों की जो क्वालिटी फुकेट में मिलती है, वो विश्व के चुनिंदा देशों में ही मिलती है। जैसे कि हम जानते हैं कि फुकेट खुद एक द्वीप है, जो की अन्य अनेक द्वीपों से घिरा हुआ है। शायद ये फुकेट व आस पास के पानी का ही परिणाम है कि वहां इतने विश्व ख्याति क्वालिटी के फल मिलते हैं। यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि विषय भर में इन फलों का कोई मुकाबला नहीं है। अब क्या क्वालिटी है फुकेट, थाईलैंड के फलों की, अब इस वीडियो को देखकर आप खुद ही उनका आनंद लें और अंदाजा भी लगा लें :  WORLD FAMOUS FRUIT MARKET OF PHUKET, THAILAND

दिलचस्प होने वाला है चुनावी अखाड़ा ! जानें वजा ……….

मोगा 8 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)  पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम व नगर कौंसिल चुनाव का अखाड़ा दिलचस्प होने वाला है। क्यूंकि इससे पूर्व हाल ही में राज्य में हुए नगर पंचायत चुनावों में मुख्य रूप से तीन राजनीतिक पार्टियों में ही मुकाबला देखने को मिला था। लेकिन अगर हम बात इन नगर निगाम व नगर कौंसिल चुनावों की करें, तो इसमें जहां एक और राजनीतिक पार्टी ने चुनाव अखाड़े में उतरने का ऐलान किया है, वहीं राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की सरकार भी अपनी पार्टी के नए पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की अगुवाई में ये पहला चुनाव लड़ेगी। जिससे जहां आप के नए पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की प्रतिष्ठा तो दाव पर लगी ही है, वहीं सत्ता का सुख भोग रहे पार्टी औहदेदारों के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है। क्यूंकि ये चुनाव नतीजे साबित कर देंगे कि अपने सत्ताकाल के दौरान आम आदमी पार्टी, राज्य के लोगों को अपनी और कितना आकर्षित कर पाई है। जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार के नगर निगम व नगर कौंसिल का चुनाव अखाड़ा दिलचस्प रहने वाला है।  आपको याद ही होगा कि पंजाब में हाल ही में हुए नगर पंचायत चुनावों में मुख्य तौर पर तीन राजनीतिक पार्टियों ने भाग लिया था। जिनमें आम आदमी पार्टी, कोंग्रस व भारतीय जनता पार्टी शामिल थी। लेकिन इन नगर निगम व नगर कौंसिल चुनावों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल बादल ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आपको बता दे की हाल ही में पंजाब में हुए नगर पंचायत चुनाव में शिरोमणि अकाली दल बादल ने अपने आप को इन चुनावों से दूर रखा था। लेकिन अब 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम व नगर कौंसिल चुनाव में शिरोमणि अकाली दल बादल ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद राजनीतिक माहिरों का मानना है कि इस बार ये नगर निगम व नगर कौंसिल चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं।  जिक्रयोग्य है कि राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, अपनी पार्टी के नए पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की अगुवाई में पहली बार कोई चुनाव लड़ने जा रही है। जिसके चलते जहां ये चुनाव ‘आप’ के नए पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की अग्नि परीक्षा होगी, वहीं अपने नए पार्टी प्रधान को अपनी कारगुजारी दिखाते हुए अपने अपने क्षेत्र से अच्छी बढ़त हासिल कर अपने पार्टी प्रधान अमन अरोड़ा सहित दिल्ली बैठे आकाओं की झोली में डालना भी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।  जहां तक सवाल कोंग्रस पार्टी का है, तो कोंग्रस पार्टी शहरी क्षेत्र में अपना अच्छा ख़ासा वजूद रखती है। शहरी लोग कोंग्रस को पसंद करते हैं। जिसका सबूत पंजाब की जनता, जून 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में कोंग्रस पार्टी को दे चुकी है। आपको याद ही होगा कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में होने के बावजूद भी कोंग्रस पार्टी ने पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों में से 7 सीट पर अपना स्वामित्व कायम रखा था। उस वक्त सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के खाते में मात्र 3, शिरोमणि अकाली दल को 1 जबकि अन्य को भी 2 सीट मिले थे। लेकिन सत्ता में न होते हुए अपने पुराने वोट बैंक को कायम रखने व नए वोटरों को लुभाने के लिए भी कोंग्रस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरकर जोर लगाना पड़ेगा।  लेकिन जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है, तो केंद्र में बीजेपी की सरकार है। पिछले कुछ समय में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसले कुछ लोगों के गले नहीं उतरे। जिसके चलते पिछले लम्बे समय से एक वर्ग पंजाब की सड़कों पर उतारकर प्रदर्शन कर रहा है। अब केंद्र सरकार के फैसले लोक हितैषी हैं या नहीं, ये तो गंभीर अध्यन का विषय है। लेकिन इस सबमें गांवों के लोग कहीं न कहीं भाजपा से रुष्ट हैं, लेकिन जहाँ जहां तक शहरी क्षेत्र का सवाल है, तो शहरी लोग भाजपा को पसंद करते हैं, और भाजपा के कार्यकर्ता भी पार्टी हाई कमान के दिशा निर्देशों पर पिछले लंबे समय से आम जनता को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। और इस बार के चुनाव नतीजों में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्यातों की गतिविधियां या पार्टी के फसलों से प्रभावित होकर कितने लोगों भाजपा के वोट बैंक में तब्दील हुए हैं।   अब जहाँ तक सवाल है इन नगर निगम व नगर कौंसिल चुनावों के अखाड़े में चौथी राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल बादल के उतरने का। तो फिलहाल लम्बे समय से शिअद बादल अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। सत्ता में रहते हुए पार्टी पर अनेक लोक विरोधी कार्य करने के इल्जाम लगे हैं, और अब इस संबंध में शिरोमणि अकाली दल की सीनियर लीडरशिप द्वारा माफ़ी मांगने पर विरोधी राजनीतिक आगुओं का ये मानना है कि इस माफ़ी ने ये साबित कर दिया है कि शिरोमणि अकाली दल ने सत्ता में रहते हुए पंजाब के हित्तों की रक्षा नहीं की व पंजाब की जनता से विशवास घात किया है। जिसके चलते फिलहाल शिरोमणि अकाली दल को अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। क्यूंकि इतने वर्ष पंजाब में राज करने के बावजूद भी शिअद के पास अपने पुराने वोटरों के साथ साथ नए वोटरों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है।   खैर, अब इन नगर निगम व नगर कौंसिल चुनावों में ऊँठ किस करवट बैठेगा, वो तो 21 दिसंबर की शाम को घोषित होने वाले चुनाव नतीजों से पता चल ही जायेगा। लेकिन फिलहाल कुल मिलाकर इतना जरूर है कि इन नगर निगम व नगर कौंसिल चुनावों के अखाड़े में शिरोमणी अकाली दाल बादल के उतरने से ये चुनाव दिलचस्प जरूर हो गए हैं।  

पंजाब में नगर निगम व् कौंसिल चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू !!

चंडीगढ़/ मोगा 8 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)  पंजाब में नगर निगम व कौंसिल चुनावों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। पंजाब में होने वाले 5 नगर निगमों जिनमें अमृतसर, जालंधर, फगवाड़ा, लुधियाना व पटियाला शामिल हैं के अतिरिक्त 44 नगर कौंसिल व कुछ शहरी उप चुनाव शामिल हैं, के लिए राज्य चुनाव कमीश्नर राज कमल चौधरी की और से 21 दिसंबर की तिथी की घोषणा की गई है। जिसके लिए प्रत्याशी कल, यानि कि 9 दिसंबर से अपने नामंकन दाखिल कर सकेंगे। राज्य चुनाव कमिश्नर राज कमल चौधरी ने बताया कि इन चुनावों के लिए सभी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। चुनावों संबंधी नोटिफिकेशन वेबसाइट पर भी जारी कर दिया गया है। चुनाव की वोटर लिस्ट अपडेट करने को लेकर वोटर सूची सभी जिला मजिस्ट्रेट को भेज दी गई थी, जो कि गत दिवस, यानि कि 07 दिसंबर को अपडेट हो चुकी है। जिनके आधार पर वोटर इन चुनावों में हिस्सा ले सकेंगे। पोलिंग 21 दिसंबर को होगा। व इन चुनावों के नतीजों के लिए, उसी शाम मतदान के बाद, मतगणना होगी। चुनाव की तारीखें :  नॉमिनेशन, 9 दिसंबर से शुरू होगी। जो कि सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चलेगी। नॉमिनेशन के लिए आखिरी तारीख़ 12 दिसंबर होगी। 13 दिसंबर का दिन फाइलों की जांच के लिए रखा गया है। जिसके बाद 14 दिसंबर तक प्रत्याशी अपने नामांकन वापिस ले सकेंगे और उसी दिन प्रत्याशियों को सिंबल जारी कर दिया जायेगा। पोलिंग 21 दिसंबर को होगी। पोलिंग टाइम सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रहेगा। व इन चुनावों के नतीजों के लिए, उसी शाम मतदान के बाद, मतगणना होगी। पोलिंग बूथ व उनकी सुरक्षा :  राज्य चुनाव कमिश्नर राज कमल चौधरी ने बताया कि नगर निगम में वार्डों की कुल संख्या 381 है। जबकि कौंसिल व नगर पंचायतों के लिए 598 वार्ड हैं। इन चुनावों में मतदाताओं की कुल संख्या 37 लाख 32 हजार है। जिनमें 19 लाख 55 हजार पुरुष जबकि 17 लाख 75 हजार महिला मतदाताओं के साथ साथ 204 अन्य मतदाता भी हैं। इन चुनावों में EVM मशीन का इस्तेमाल किया जायेगा। इन चुनावों के लिए 1609 पोलिंग स्थान निर्धारित किए गए हैं। जिनमें 3,717 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। इन पोलिंग स्थानों में से 344 को अति संवेदनशील जबकि 665 पोलिंग स्थानों को संवेदनशील घोषित किया गया है।  राज्य चुनाव कमिश्नर राज कमल चौधरी ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर से भी इंतजाम हो चुके हैं। इस बात को यकीनी बनाया गया है कि राज्य में अमन कानून की स्थिति खराब न हो। इन चुनावों को शांतिपूर्वक ढंग से कराने के लिए राज्य में कुल 20 हजार 486 पंजाब पुलिस व होमगार्ड के जवानों की तैनाती होगी। इसके अतिरिक्त 500 पेट्रोलिंग पार्टियां व 283 स्ट्राइकिंग रिज़र्व भी रहेंगे। इसके साथ ही जिलों के जिला मजिस्ट्रेट व एसएसपी को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। वे अपने इलाके की जरूरत अनुसार वहां के सुरक्षा प्रबंधों के मद्देनजर अपने हिसाब से पुलिसकर्मी तैनात करेंगे।  हथियार जमा करने संबंधी हिदायतें :  इसके अतिरिक्त इन चुनावों के मद्देनजर हथियार जमा कराने हैं या नहीं, ये जिला मजिस्ट्रेट देखेंगे। अगर वे किसी ख़ास श्रेणी के हथियार जमा करवाना चाहते हैं, तो ये भी उन्हीं पर निर्भर करता है। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट, जिला स्तर की कमेटी बनाकर भी फैसला ले सकते हैं। लेकिन अब से चुनाव प्रोसेस तक, कोई भी व्यक्ति हथियार साथ लेकर नहीं चलेगा। जिसके लिए सीधे तौर पर BNS के तहत कार्रवाई होगी।  प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा :  इन नगर निगम, नगर कौंसिल व नगर पंचायत चुनावों के मद्देनजर प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च लिमिट भी निर्धारित कर दी गई है। जिसके तहत नगर निगम चुनाव के प्रत्याशी के लिए 4 लाख, नगर कौंसिल लिए क्लास वन के लिए 3 लाख 60 हजार, क्लास 2 के लिए 2 लाख 20 हजार, क्लास 3 के लिए 2 लाख रुपए होगी। 

100 दिन टीबी मुहिम का, जागरूकता रैली के साथ आगाज़ !!

मोगा 7 दिसंबर (अशोक मौर्य)  100 दिन टीबी मुहिम का आगाज़ स्थानीय सरकारी हस्पताल से एक जागरूकता रैली के साथ किया गया। जिसे डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉक्टर राजेश मित्तल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली में विभिन्न नर्सिंग स्कूलों के विद्यार्थियों, टीबी विजेता, टीबी स्टाफ व एन.जी.ओ. टीबी अलर्ट ने भाग लिया। इस मौके पर एक टीबी रोग के खात्मे के लिए एक शपथ ग्रहण प्रोग्राम भी हुआ। जिसका मंच संचालन टीबी सुपरवाइजर जसवीर सिंह ने किया।  इस तस्वीर में टीबी रोग संबंधी जागरूकता रैली को डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉक्टर राजेश मित्तल हरी झंडी दिखाकर शुरु करवा रहे हैं। (अशोक मौर्य) इस मौके पर जिला टीबी अधिकारी डॉक्टर गौरवप्रीत सोढ़ी ने अपने संबोधन में बताया कि ये जागरूकता अभियान 7 दिसंबर से शुरू होकर 23 मार्च तक जारी रहेगा। इसमें 60 साल से ऊपर के बजुर्गों, शुगर के मरीज, एचआईवी, झुग्गी झोपड़ियों, वृद्ध आश्रम, जेल व पिछले 5 साल के टीबी के मरीज, जो कि दवा खा चुके हैं व पिछले 2 साल से टीबी मरीज के संपर्क सूत्र, इन सभी को स्क्रीन किया जायेगा। इनमें से अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो उसे उचित व मुफ्त दवाई दी जाएगी। अगर इनमें से कोई व्यक्ति पॉजिटिव नहीं भी आता है, तो उसे विशेष इलाज पर डाला जाएगा ताकि वो भविष्य में इस घातक रोग से बच सके।  डॉ सोढ़ी ने बताया कि इन 100 दोनों में सेहत विभाग के जितने भी संबंधित विभाग हैं, उनमें भी टीबी रोग संबंधी लोगों को जागरूक किया जाएगा। व टीबी चैंपियन अलग-अलग स्थानों पर जाकर अवेयरनेस एक्टिविटी करेंगे। उन्होंने इलाकावासियों से अपील की की ऍम लोग इस मुहीम में अपना ज्यादा से ज्यादा सहयोग दें, ताकि टीबी रोग को जड़ से खत्म किया जा सके। इस मौके पर टीबी विभाग की मेडिकल अधिकारी डॉक्टर जसजीत कौर, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर अंकुश कुमार व अमित शर्मा सहित अन्य लोग भी लोग मौजूद थे। 

सरकार व प्रशासन की नाकामी के चलते पंचायत ने जारी किए अनोखे आदेश !!

निहाल सिंह वाला/ मोगा 7 दिसंबर ( जगवीर आजाद/ मुनीश जिन्दल)  राज्य की मौजूदा सरकार नशे को एक महीने में राज्य से खत्म करने के मुद्दे पर सत्ता में आई थी। और फिलहाल पंजाब में नशे का क्या आलम है, वह आपके और हमारे सामने भली भांति है। आए दिन अनेकों युवक नशे की ओवरडोज के चलते अपनी जान गंवा रहे हैं। अनेकों परिवार तबाह हो चुके हैं, तबाह हो रहे हैं, व तबाह होने की कगार पर हैं। लेकिन अगर हम बात जिला मोगा के गांव धूरकोट रणसींह की करें, तो सरकार व प्रशासन की नाकामी के चलते अब यहां की ग्राम पंचायत ने पहलकदमी करते हुए गांव वासियों के हित में अनेकों एहम फैंसले लिए हैं। जिसके चलते अब लगने लगा है कि शायद इस गांव का भाग्य जागेगा और आने वाली युवा पीढ़ी एक नशा मुक्त, अपराध मुक्त, गंदगी मुक्त, माहौल में सांस ले सकेगी। अब इस गांव में नहीं होगा, कोई प्रेम विवाह :  सर्वप्रथम आपको बता दें कि इस गांव में ग्राम पंचायत सर्व समिति से बनी थी व फिलहाल गांव की सरपंची एक महिला के हाथों में है। व गांव की पंचायत ने शपथ लेते ही गांव वासियों के हित में अनेक फैंसले लिए हैं। गांव की पंचायत ने  सबसे एहम फरमान ये जारी किया है कि अब गांव का लड़का और लड़की आपस में शादी नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है, तो उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया जाएगा। व पंचायत भी उस  व्यक्ति के परिवार की कोई मदद नहीं करेगी।  ड्रग चिट्टा व अन्य नशों पर अंकुश :  इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति गांव में चिट्टा (ड्रग/ नशा) बेचता पकड़ा  जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही गांव में मेडिकल नशा भी बेचने पर पूर्णतया पाबंदी लगाई गई है। अगर फिर भी कोई दुकानदार इन आदेशों की उलंघना करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ उसे 10 हजार रु जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा अगर गांव में कोई भी दुकानदार 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू, सिगरेट या स्ट्रिंग आदि बेचता है, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ 10 हजार रु जुर्माना लगाया जाएगा। इसके इलावा ये भी फरमान जारी किया गया है कि गांव का कोई भी मोहतवार व्यक्ति, जैसे सरपंच, पंच या नंबरदार नशा बेचने वाले किसी भी व्यक्ति की जमानत नहीं देगा। इसके साथ ही अगर कोई भी राजनीतिक लीडर या प्रशासन की ओर से नशा बेचने वाले व्यक्ति की किसी प्रकार की सहायता की जाएगी तो गांव की कमेटी की ओर से उस व्यक्ति के घर या दफ्तर के बाहर धरना लगाया जाएगा।  अन्य लोकहित आदेश : इसके अलावा यह भी फरमान जारी हुआ है कि गांव में किसी भी खुशी के मौके पर महंतों को बधाई ₹ 1100 दी जाएगी और अगर गांव में कोई भी प्रोग्राम है तो रात को डीजे 10:00 बजे तक ही बजेगा। इसके इलावा कोई भी व्यक्ति गांव के पास कूड़ा नहीं फैलाएगा। अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकते पकड़ा जाता है, तो पंचायत उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। और अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी स्थान पर चोरी करता हुआ पकड़ा जाता है, तो भी पंचायत उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही स्कूल लगने या स्कूल की छुट्टी के समय, कोई भी व्यक्ति बिना काम के उस क्षेत्र में नहीं जाएगा।  इस संबंधी गांव की सरपंच कर्मजीत कौर व पंचायत मेंबर सरबजीत सिंह खालसा मीडिया के रूबरू हुए। क्या कहना था उनका, आइए आप भी सुनलें :  SARPANCH KARAMJIT KAUR SARABJEET SINGH KHALSA (MEMBER PANCHAYAT)

नहीं पहुंची दुल्हन ! विदेशी दूल्हे को घंटों इंतजार के बाद लेनी पड़ी पुलिस की शरण !!

मोगा 6 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)  सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई, दोस्ती प्यार में बदली, और फिर प्यार शादी तक पहुंच गया। लेकिन बाराती दुल्हन का इंतजार करते रहे और घंटों इंतजार के बाद भी जब दुल्हन या उनकी और से कोई नहीं पहुंचा, तो मजबूरन बारातियों को पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की शरण लेनी पड़ी। जिसके बाद संबंधित पुलिस थाना से लड़की वालों के बताए लैंडमार्क पर खड़े बारातियों के पास पहुंचे पीसीआर व पुलिस कर्मियों ने उनकी व्यथा सुन, अग्रिम कार्यवाई के लिए उन्हें अपने साथ थाने ले गए।  बस फिर क्या था :  घटनाक्रम के अनुसार जिला जालंधर का 28 वर्षीय दीपक कुमार विदेश दुबई में लेबर का काम करता है। उसके मुताबिक़ 3 वर्ष पहले जिला मोगा की एक लड़की से सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर उसकी दोस्ती हुई थी। ‘बस फिर क्या था’, धीरे-धीरे फोन नंबर एक्सचेंज हो गए। ‘बस फिर क्या था’, दोस्ती आगे बढ़ने लगी। ‘बस फिर क्या था’, फिर बातों का समय भी बढ़ने लगा व धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई। ‘बस फिर क्या था’, समय के साथ-साथ बातें और भी बढ़ती गई, और धीरे धीरे बातें प्यार में बदल गई। ‘बस फिर क्या था’, प्यार से बात शादी तक पहुंच गई।  पीड़ित दूल्हे दीपक कुमार के मुताबिक उसे उसकी सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) दोस्त ने अपना नाम मनप्रीत उर्फ़ प्रीत बताया था व खुद को पेशे से एक वकील बताया था। पीड़ित दीपक कुमार व उसके पिता प्रेमचंद ने बताया कि इस दरमियान उनकी लड़की के घर वालों से फोन पर बात होती रही व उन्होंने शादी के लिए पहले 2 दिसंबर, सोमवार का दिन तय किया था। जिसके लिए दूल्हा दीपक विदेश, दुबई से भारत आ गया था। लेकिन बकौल दूल्हा दीपक कुमार व उसके पिता प्रेम चंद, लड़की के पिता के सड़क हादसे में चोट लग गयी थी।  जिसके चलते लड़की वालों ने शादी 3-4 दिन आगे डालते हुए लड़के वालों को शुक्रवार को बारात मोगा लाने के लिए कहा था। व लड़की वालों के मुताबिक़ शादी, मोगा के ‘रोज गार्डन पैलेस’ में रखी गई थी। जिसके लिए बारात को गीता भवन मंदिर का लैंडमार्क बताकर उन्हें वहां रुककर इन्तजार करने के लिए कहा गया था। लड़के वालों के मुताबिक़, वे लोग अनेक गाड़ियों में सवार होकर कुल 150 के करीब बाराती जालंधर जिले से सुबह जल्दी चलकर दोपहर 1:30 बजे लड़की वालों के बताए निश्चित स्थान गीता भवन मंदिर के बाहर पहुंच गए थे। जिसके बाद वे लोग लड़की वालों के बताए लैंडमार्क, गीता भवन के बाहर खड़े लड़की वालों का इंतजार करने लगे।  पीसीआर व थाना सिटी साउथ के पुलिस अधिकारियों के सामने लड़की वालों को फोन करते बाराती। (छाया: डैस्क) लेकिन 4 घंटों से अधिक समय तक इन्तजार करने के बाद लड़की वालों की तरफ से कोई भी नहीं आया। इसी बीच लड़की वालों ने बारातियों के फोन उठाने भी बन्द कर दिए और बारातियों को ये भी पता चला कि मोगा में तो कोई ‘रोज गार्डन’ नाम का पैलेस ही नहीं है, तो लड़के वाले खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे, व मजबूरन उन्हें पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की शरण लेनी पड़ी। जिसके बाद PCR सहित संबंधित थाना सिटी साउथ की पुलिस ने गीता भवन मंदिर के बाहर पहुंचकर बारातियों की व्यथा सुनी व उन्हें अग्रिम कार्रवाई के लिए अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गए।  पुलिस द्वारा इस संबंधी क्या कार्रवाई की गई, ये जानने के लिए पुलिस थाना सिटी साउथ के प्रभारी गुलजिंदर सिंह सेखों से उनके फोन पर सम्पर्क करने का अनेकों बार प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था और पुलिस थाना के नंबर पर घंटी तो जाती रही, लेकिन वो फोन किसी ने भी नहीं उठाया। लेकिन इधर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पुलिस अभी बारातियों की बात सुन उनके ब्यान दर्ज कर रही है, जिसके बाद अग्रिम करवाई को अमल में लाया जायेगा।  इधर इसी बीच पीड़ित दूल्हे दीपक व उसके पिता प्रेम चंद ने ‘मोगा टुडे न्यूज़’ की टीम को अपनी आप बीती भी सुनाई। क्या कहना था, पीड़ित बारातियों का, आइए आप भी सुनलें :  VICTIM DEEPAK KUMAR (GROOM) VICTIM PREM CHAND (GROOM FATHER)

डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर अब सेहत विभाग कर्मी सड़कों पर उतरकर करेंगे ये काम ………….

मोगा 6 दिसंबर (अशोक मौर्य)  ‘डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल नेशनल पल्स पोलियो मुहिम को लेकर गंभीर हैं। जिसके चलते उनके सख्त आदेश हैं कि 8 से 10 दिसंबर 2024 तक पिलाई जाने वाली पोलियो रोकथाम बूंद से जिले का एक भी बच्चा वंचित नहीं रहना चाहिए’। इन शब्दों का प्रगटावा जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर अशोक सिंगला ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान किया। जिला टीकाकरण अधिकारी शुक्रवार को सेहत विभाग की ओर से नेशनल पल्स पोलियो राउंड के लिए जागरूकता रैली को हरी झंडी देने के मौके मीडिया के रूबरू हुए थे। इस रैली में निजी नर्सिंग स्कूलों सहित सरकारी नर्सिंग स्कूल, सिविल अस्पताल की छात्राओं ने भी भाग लिया। इस दौरान रैली में जिला टीबी अफसर डॉक्टर जीबी सोढ़ी, सुमित बजाज, शालू मरवाह, अमित शर्मा, नर्सिंग अध्यापक मैडम कमलप्रीत कौर, नरेंद्र कौर, नर्सिंग मिस्ट्रेस लखवीर कौर के इलावा थापर नर्सिंग कालेज के समूह विद्यार्थियों भी शामिल थे।  पल्स पोलियो प्रोगाम के नोडल अधिकारी डॉ अशोक सिंगला ने बताया कि 8 से 10 दिसंबर 2024 तक जिला मोगा के 0 से 5 साल तक के 98 हजार 447 बच्चों को पोलियो रोकथाम बूंद पिलाई जाएंगी। जिसके लिए 8 दिसंबर को जिले में  395 बूथ लगाकर पोलियो रोकथाम बूंद पिलाई जाएंगी जब्कि 9 वा 10 दिसंबर को सेहत विभाग की 588 टीमें घर-घर जाकर यह पोलियो रोकथाम बूंदे पिलाएंगी। ताकि जीरो से 5 साल की उम्र का कोई भी बच्चा पोलियो रोकथाम बूंद से वंचित न रह जाए। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को सफल बाने के लिए एएनएम,आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, वालंटियर सहित विभाग के कर्मचारी सहयोग कर रहे हैं।  इस तस्वीर में शहर में मुनादी के लिए रिक्शा को रवाना करते जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ अशोक सिंगला। (छाया: अशोक) जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर सिंगला ने बताया कि इस पल्स पोलियो मुहिम के लिए जिले के अंदर अलग-अलग ब्लॉक व शहरी क्षेत्र में टीमों को लामबंद किया गया है। ताकि हर बच्चे तक पोलियो रहित रोकथाम बूंद पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सेहत विभाग की ओर से बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व अन्य जनतक स्थानों पर भी 16 ट्रांजिट टीम वा 21 मोबाइल टीमों की ओर से ये पोलियो रोकथाम बूंद पिलाई जाएंगी। जब्कि दूर दराज के इलाकों में बच्चों को ये बूंदें पिलाने के लिए जरूरी मोबाइल टीमें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस मकसद के लिए 79 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। उन्होंने आम लोगों व समाजसेवी संस्थाओं को इस मुहिम के दौरान अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए सहयोग देने की अपील की। इस मौके पर जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर अमृत शर्मा भी हाजिर थे।

फाईलों में कैद पड़े हैं डी.सी. के आदेश !! फ़िल्मी गाने से सीख की जरूरत !!

मोगा 6 दिसंबर (मुनीश जिन्दल)  ‘साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’। 1950 के दशक की फिल्म ‘नया दौर’ का ये गीत, जिसमें अदाकार दिलीप कुमार व वैजयंती माला ने काम किया था, आपको याद ही होगा। और वैसे भी सच्ची ही है, कि अगर किसी काम को एक टीम बनाकर किया जाए तो उसकी सफलता निश्चित है, लेकिन अगर उसी काम का बोझ, किसी एक के कंधों पर डाल दिया जाए, तो यकीनन उस काम के सफल होने में अनेकों किन्तु परन्तु, प्रश्नचिन्ह लग जाते हैं। और जहां तक सवाल है इस गीत के बोल का, तो शायद मोगा के अनेक सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को इस गीत के बोल को याद रखते हुए इन पर अमल करने की आवश्यकता है।  दोस्तों, भले ही यह गीत एक एक ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ फिल्म का हिस्सा था, लेकिन इस फिल्म के रिलीज होने के 67 वर्ष बाद भी अगर हम इस गीत के बोल को अपने वास्तविक जीवन में अपना लें, तो बेशक आज भी, यह खुद एक ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ का फिल्म का हिस्सा होने के बावजूद भी, हमारे जीवन में खुशहाली व तंदुरुस्ती के अनेकों रंग भर देगा। आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन को पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 10 वर्ष पूर्व 2 अक्टूबर, 2014 को लांच किया गया था। और हाल ही में, बीती 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) ने अपनी 10वीं वर्षगांठ मनाई है। इस मुहिम को खासकर तीन मुख्य स्तम्भों पर आधारित किया गया था। जिनमें उपेक्षित क्षेत्रों को पुनर जीवित करना, सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देना व स्वच्छता कर्मियों के कल्याण में सुधार लाना था। चूंकि उस वक्त सरकार द्वारा ये मुहिम स्वर्गीय महात्मा गांधी जी के जन्मदिवस, 2 अक्टूबर को समर्पित की गई थी। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन द्वारा एक विशेष मुहिम 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक चलाई गई थी। और अगर हम बात मोगा प्रशासन की करें, तो जिला मोगा के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल, इस मुहिम को लेकर काफी गंभीर थे, और हैं, जिसके चलते उनके द्वारा इस संबंधी अपनी अगुवाई में अनेक बैठक कर संबंधित अधिकारियों को जिला मोगा को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए थे। जिसकी कमान संभालते हुए ADC जनरल मैडम चारुमिता द्वारा 27 सितंबर को शहर को अनेक पार्कों का दौरा भी किया गया था। उस वक्त हलांकि शहरवासियों, खासकर अनेक सैर करने वाले लोगों की और से ADC मैडम को पार्कों की दुर्दशा संबंधी जागरूक करवाया गया था। व उनसे ये अनुरोध किया गया था की वे किसी दिन, अपने सरकारी अमले को बिना बताए, पार्कों का अचानक दौरा करें, तो उन्हें यहां की सफाई व्यवस्था की असलियत का पता चलेगा। लेकिन जैसे जैसे बढ़ते समय के साथ साथ महात्मा गाँधी जी का जनम दिवस का दिन दूर हो रहा है, वैसे वैसे शायद पार्कों से सफाई व्यवस्था भी दूर हो रही है और आज स्वच्छ भारत मिशन की ख़ास ड्राइव के महज 2 महीने बाद पार्क की क्या स्तिथि है, वो आपके सामने है :  वेदांतानन्द पार्क में पड़ी गंदगी, जो कि सैरगाहों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वेदांतानन्द पार्क में खड़ी कूड़े से भरी ट्रॉली। ऐसा प्रतीत होता है कि शायद डिप्टी कमीश्नर के अंतर्गत काम कर रही टीम उनके आदेशों को तुच्छ बताकर उनके आदेशों को फाइलों में ही कैद रखे हुए है, और डीसी साहब तक सच्चाई नहीं जाने दी जा रही है। जिसका खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। जिसके चलते जब हमारी टीम द्वारा मोगा के वेदांतानन्द पार्क का दौरा किया गया, तो वहां के दृश्य विभिन्न सरकारों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन मुहीम के तहत खर्च किए जा रही भारी भरकम राशि को मुँह चिढ़ा रहे थे। आपको ये भी याद करा दें कि वेदांतानंद पार्क, विधानसभा हलका मोगा की विधायक डॉक्टर अमनदीप कौर अरोड़ा के घर से महज 50 मीटर के फासले पर है। और यहाँ ये भी जिक्रयोग्य है कि जब डॉ अमनदीप कौर अरोड़ा, विधायक बनी थी, और उन्होंने अपनी रिहायश लुधियाना जीटी रोड को छोड़कर गीता भवन के पास करने का फैसला लिया था, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा उनके घर के सामने पार्क को जाने के लिए एक नया छोटा दरवाजा भी लगाया गया था। लेकिन शायद अपनी व्यस्तता के चलते ना तो विधायक साहिबा को और न ही किसी उच्च सरकारी अधिकारी को, बिना अपने सरकारी अमले को बताए, पार्क का अचानक चक्कर लगाने का समय मिला। और जब तक संबंधित अधिकारी/ कर्मचारी किसी को जवाब देह नहीं हैं, तो ऐसे हालात में, पार्क की दुर्दशा के दृश्य आपके सामने हैं। दोस्तों कहते हैं ना कि ‘प्रत्यक्ष को, किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है’। पार्क की दुर्दशा की मुंह बोलती तस्वीरें आपके सामने है। अब हम ‘मोगा टुडे न्यूज़’ की टीम व शहरवासियों की और से प्रशासन से व संबंधित अधिकारियों से यही आस करेंगे कि वे फिल्म ‘नया दौर’ के गीत के बोल ‘साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना’ को याद रखते हुए उन्हें अमल में लाकर डीसी साहिब के आदेशों को फाइलों से निकालकर उन्हें अपना कर, उन पर अमल करते हुए, शहर को साफ रखने में डीसी साहब का सहयोग करेंगे।

150 पुलिस कर्मियों की दबिश से दहले ये इलाके ! जानें वजा …………

मोगा 5 दिसंबर (क्राइम रिपोर्टर) :   साथियों, हम जब कुछ पुलिस वालों को एक साथ एक ही जगह देखते हैं, तो हमारा यकायक सहम जाना लाजमी है। लेकिन अगर हम आपको कहें कि किसी इलाकों में 150 से अधिक पुलिसकर्मीयों ने अपने उच्च अधिकारियों सहित दबिश दी, तो आप समझ सकते हैं कि वहां रह रहे गए लोगों का या वहां से गुजर रहे लोगों का क्या हाल रहा होगा। जी हां वीरवार की सुबह यही नजारा था मोगा शहर की एमपी बस्ती व साधां वाली बस्ती का। पंजाब पुलिस के ‘कासो’ ऑपरेशन के तहत चलाई गई इस मुहिम की अगुवाई एसपी हेडक्वार्टर गुरशरणजीत सिंह कर रहे थे। जबकि इस मौके पर उनके साथ डीएसपी डी लवदीप सिंह, डीएसपी सिटी रविंद्र सिंह, के इलावा दो थाना प्रभारी व ट्रैफिक इंचार्ज भी मौजूद थे।   क्या कारण था इस ऑपरेशन का ? इस ऑपरेशन के तहत पुलिस द्वारा क्या-क्या बरामद किया गया ? इस संबंधी एसपी हेड क्वार्टर गुरशरणजीत सिंह संधू ने मीडिया कर्मियों से जानकारी सांझा की। क्या बताया एसपी हेड क्वार्टर संधू ने, आइए आप भी सुनलें :  SPH GURSHARANJIT SINGH

पंजाब से राजस्थान घूमने गए 2 नो जवान पड़ गए इस गंदे काम में ! फिर देखो अंजाम ………..

मोगा 5 दिसंबर (क्राइम रिपोर्टर) :   दोस्तों जब बात आती है घूमने की, तो हमारे मन में अनेक तरह के अच्छे ख्याल आने लगते हैं। लेकिन अगर हम बाहर जाकर गलत कामों में पड़ जाते हैं, तो एक न एक दिन हमें उन गंदे कामों का अंजाम भोगना ही पड़ता है। ऐसा ही कुछ  हुआ है पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब के दो नौजवानों के साथ। जो कि पंजाब से गए तो थे राजस्थान घूमने, वहां जाकर उन्होंने राजस्थान के नए दोस्त भी बनाए, लेकिन फिर वे सभी गलत कामों में पड़ गए और जिसका अंजाम आज यह है कि ये लोग सलाखों के पीछे हैं। दरअसल मोगा की सीआईए स्टाफ ने एक गुप्त सूचना के आधार पर वरना कर सवार इन पंजाब के दो युवकों व राजस्थान संगरिया के तीन युवकों को काबू कर इनसे नशीला पदार्थ बरामद किया है।  कौन हैं ये युवक ? किस-किस गांव के रहने वाले हैं ये युवक ? कौन सा नशीला पदार्थ इनसे बरामद किया गया है ? कितनी मात्रा में नशीला पदार्थ इनसे बरामद हुआ है ? आपके व हमारे, इन सभी सवालों के जवाब डीएसपी डी लवदीप सिंह ने मीडिया से एक पत्रकार वार्ता के दौरान सांझा किए। क्या बताया डीएसपी डी लवदीप सिंह गिल ने, आइए आप खुद ही सुन लें :  DSP D LAVDEEP SINGH GILL