मोगा 18 नवंबर (मुनीश जिन्दल) नगर निगम द्वारा शहर में चल रहे विकास कार्यों की खबरें आए दिन आप और हम विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पढ़ते, सुनते व देखते रहते हैं। लेकिन अगर हम इन विकास कार्यों की जमीनी हकीकत देखें, तो वो कुछ ओर ही ब्यान करती है। मौजूदा समय में शहर में विकास के नाम पर अनेक प्रोजेक्ट ऐसे चल रहे हैं, जो कि ना सिर्फ आपके और हमारे शहर के रूपए की बर्बादी हैं, अपितु मानवाधिकारों का उलंघन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं। नगर निगम की ओर से स्थानीय गीता भवन चौक में वेदांत पार्क के बाहर पिछले अनेक महीनों से लाखों रूपए की लागत से बन रहा सेल्फी प्वाइंट प्रोजेक्ट आपके ध्यान में होगा ही। अभी इलाकावासियों की इस प्रोजेक्ट में चल रही रुपए व जगह की बर्बादी की कानाफूसी ख़तम नहीं हुई थी कि अब नगर निगम की और से शहर के इकलौते नीचे पुल पर बन रहे सेल्फी प्वॉइंट व फुटपाथ पर किया जा रहा पौधरोपण चर्चा में है। आपको बतादें कि मौजूदा समय में नगर निगम की ओर से शहर की सड़कों के दोनों और पौधारोपण कर उसे ट्री गार्ड से सुरक्षित करने का लगबघ 47 लाख रुपए का प्रोजेक्ट जारी है। नगर निगम की और से फुटपाथ को तोड़कर किये गए पौधारोपण की तस्वीरें। नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर में बढ़े अतिक्रमण के चलते इलाकावासी पहले से ही शहर की अनेक मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहे हैं और अगर नगर निगम के संबंधित अधिकारी इसी तरह अपनी मन मर्जियां करते रहे, तो इलाकावासियों को आगामी भविष्य में शहर के इकलौते नीचे पुल के नीचे पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए फुटपाथ से भी हाथ धोना पड़ेगा। क्योंकि नगर निगम द्वारा शहर के सौन्द्रीयकरण के नाम पर पुल के नीचे बने फुटपाथ को तोड़कर, उसमें खड्डे कर, वहां पौधारोपण किया जा रहा है। जब्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के सभी राज्यों को साफ़ आदेश हैं कि किन्हीं कारणों से भी, कहीं भी बने, किसी भी फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता, बल्कि उसे सुरक्षित करना स्थानीय सरकारों व प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेवारी है। निर्माणाधीन ‘सेल्फी प्वॉइंट’ की एक तस्वीर। ऐसा नहीं है कि ये मामला प्रशासनिक अधिकारियों के ध्यान में नहीं है, जब से ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, तभी से राष्ट्रीय अवार्डी वकील राजेश कुमार शर्मा इस संबंधी नगर निगम अधिकारियों सहित, डिप्टी कमीश्नर मोगा सागर सेतिया के कार्यालय को अनेकों लिखित शिकायत करने के इलावा उनसे निजी तौर पर मिलकर भी इस प्रोजेक्ट को रोकने का आग्रह कर चुके हैं। लेकिन परनाला वहीं का वहीं है, नगर निगम की और से शहरवासियों के रूपए की बर्बादी का सिलसिला जारी है। वकील राजेश कुमार शर्मा की ही शिकायत पर फिरोजपुर के डिविजनल कमीश्नर कार्यालय की ओर से 3 अक्टूबर को डिप्टी कमिश्नर मोगा को एक पत्र लिखकर उसमें वकील राजेश कुमार शर्मा की शिकायत का हवाला देते हुए नीचे पुल के नजदीक नीचे पुल के दोनों और बने फुटपाथ के ऊपर नाजायज कब्जों को हटाने व नगर निगम की ओर से पौधे लगाने से रोकने व फुटपाथ को साफ और सुरक्षित बनाने संबंधी एक पत्र लिखकर इस संबंधी 15 दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट फिरोजपुर डिवीजन के कमिश्नर कार्यालय को भेजने के लिए लिखा गया था। जब डिप्टी कमीश्नर सागर सेतिया से इस संबंधी बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें डिविजनल कमीश्नर कार्यालय की और से आए किसी पत्र की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी समझते हुए “मोगा टुडे न्यूज़” से वो पत्र मंगवाकर उस पर उचित कार्यवाई करने की बात कही। डिविजनल कार्यालय फिरोजपुर की ओर से डीसी मोगा को जारी किए गए पत्र की कॉपी। इस संबंधी जब “मोगा टुडे न्यूज़” की टीम द्वारा वकील राजेश कुमार शर्मा से बात की गई, तो उन्होने “कुछ अधिकार तो, सड़क पर चलने वालों का भी है” से अपनी बात शुरू करते हुए नगर निगम द्वारा शहर में विकास के नाम पर किए जा रहे पौधारोपण व सेल्फी प्वाइंट बनाने को पैसे की बर्बादी बताते हुए इस पर सवाल उठाते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उलंघना बताया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के ऐसे विकास कार्य आने वाले समय में इलाका वासियों के लिए अनेक जटिल समस्याएं पैदा करेगा। उन्होंने नगर निगम के ऐसे विकास को मानवाधिकारों का हनन बताते हुए बताया कि विभिन्न बैठकों में अधिकारियों द्वारा इस विकास को गलत बताने के बावजूद भी परनाला वहीं का वहीं है। ADVOCATE RAJESH SHARMA इधर नगर निगम मेयर बलजीत चानी ने शहर को सुंदर बनाने का अपना लक्ष्य दोहराते हुए बताया कि शहर की मुख्य सड़कों पर पौधारोपण कर उन्हें ट्री गार्ड से सुरक्षित करने का यह प्रोजेक्ट 45 लाख रुपए का है। मेयर चानी ने कहा कि इसे एक मुख्य मुद्दा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने नीचे पुल पर उनकी पार्टी की ओर से बनाए जा रहे सेल्फी प्वॉइंट व फुटपाथ पर किए गए पौधारोपण के लिए अपनी पार्टी की पीठ थप थपाई। लेकिन जब उन्हें फिरोजपुर डिवीजन के कमिश्नर के पत्र का हवाला देते हुए इस काम को रोकने की बात संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कहेंगे तो काम को रोक दिया जाएगा। MAYOR BALJIT CHAANI साथियों अगर किसी आम इंसान ने कोई दुकान बनानी होती है, तो पार्किंग के लिए जगह खाली छोड़ना संबंधित व्यक्ति के नक़्शे का एक हिस्सा है, लेकिन इस सेल्फी प्वॉइंट प्रोजेक्ट को बनाने में अपनी पीठ थप थपाने वाले नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारी शायद ये भूल गए कि प्रोजेक्ट बनाने से पूर्व पर्याप्त पार्किंग का प्रबंध करना भी नगर निगम की जिम्मेवारी थी। ओर दोस्तों इस खबर के बाद, शायद आने वाले समय में नगर निगम की और से ये प्रोजेक्ट रोक दिया जाए। लेकिन प्रोजेक्ट शुरू होने से आज तक इस प्रोजेक्ट पर हुई रूपए की बर्बादी की भरपाई आपके और हमारी ओर से दिए गए टेक्स में से की जाएगी या फिर इस प्रोजेक्ट को पास करने वाले अधिकारियों की जेब से, इसका जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है। Share this: Click to 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